कानपुर में अभी भी धधक रही आग, एनडीआरएफ की मांगी मदद

कानपुर,संवाददाता। होजरी और रेडीमेड के बाजार में लगी आग बीते 30 घंटे से धधक रही है। आग पर काबू पाने के लिए लिए पांच जिलों से दमकल की गाड़ियों, डिफेंस, समेत लखनऊ के साथ ही प्रयागराज से हाईड्रोलिक फायर सिस्टम को मंगाया गया है। वहीं दमकलकर्मियों के साथ ही सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है। जिला प्रशासन ने शासन से एनडीआरएफ की टीम की मांग की है। वहीं दोपहर तक एनडीआरफ की टीम घटना स्थल पर पहुंच जाएगी। इसके साथ ही जिला प्रशासन आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट की मदद ले रही है। अब तक एक व्यक्ति की मौत होने की घटना सामने आई है। वहीं आग से 800 से ज्यादा दुकानें जल गई हैं।

एनडीआरएफ को बुलाया गया 

डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम आ गई है। एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। दोनों ही टीमें बिल्डिंग के अंदर सर्च ऑपरेशन चलाएगी। आग बुझाने के लिए एक प्रयागराज से हाईड्रोलिक फायर सिस्टम को भी मंगाया गया है।

उन्होंने बताया कि डीआईजी फायर ने शुक्रवार को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। आग से क्षतिग्रस्त हुई, बिल्डिंग का एक्सपर्ट से मुआयना कराने के लिए कहा था। डीएम ने बताया कि कानपुर आईआईटी के सिविल इंजीनीयरों से मदद ली जाएगी। आईआईटी के एक्सपर्ट पर पूरी बिल्डिंग का निरीक्षण करेंगें। वहां जो भी रिपोर्ट आएगी, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये भी जानें 

 अनवरगंज थाना क्षेत्र स्थित बासमंडी के पास रेडीमेड और होजरी का बाजार है। जो गुरूवार देर रात शॉटसर्किट से लगी आग से शनिवार सुबह तक धधकती रही। तेज हवाओं की वजह से आग ने बड़ा विकराल रूप लिया। आग ने एआर टॉवर, हमराज कॉम्पलेक्स समेत आसपास की पांच इमारतों को अपनी चपेट में लिया। आग की चपेट में आकर रेडीमेंड और होजरी की लगभग 700 दुकानें जल गईं। होजरी और रेडीमेड व्यापारियों ने लगभग 10 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है। आग की चपेट में आईं पांच इमारतों में रेडीमेड और होजरी की लगभग 800 दुकानें और गोदाम थे।

दे दूंगा विधायक निधी

कानपुर शहर के किदवई नगर से विधायक महेश त्रिवेदी ने  डीजी फायर उत्तर प्रदेश को पत्र लिखते हुऐ कहा की अगर उन्हें किसी आर्थिक रूप से मदद की अवशकता हो तो बता दे वो अपनी विधायक निधी से उन्हे मदद कर देगे।

जिला प्रशासन पर उठे सवाल 

कानपुर की इस घटना से कही न कही जिला प्रशासन भी जिम्मेदार हैं जो उसकी ढिलाई के चलते इतना बड़ा अग्नि कांड हो गया। वहीं बात करी जाएं अगर हाईड्रोलिक फायर सिस्टम की तो खराब होने पर भी मरम्मत नहीं कराई गई  जिसके चलते जिला प्रशासन को हाईड्रोलिक फायर सिस्टम प्रयागराज से मगना पड़ा। वही केडीए ने भी नहीं दिया ध्यान निर्माण होने पर नक्शा पास करने की जिम्मेदारी कानपुर विकास प्राधिकरण की हैं, आखिर कानपुर विकास प्राधिकरण ने किस प्रकार से नक्शा पास किया जो आग को काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियो अंदर गलियों में न जा सकी।

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