उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर यूएन में रूस-चीन से अमेरिका व सहयोगी देशों का टकराव, भारत ने भी की निंदा

द ब्लाट न्यूज़ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्तर कोरिया के हालिया अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) परीक्षण को लेकर संयुक्त राष्ट्र में सोमवार को जोरदार विरोध दर्ज कराया गया।

 

 

इसके लिए उत्तर कोरिया पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, रूस और चीन ने उत्तर कोरिया पर किसी भी दबाव व प्रतिबंध का तीखा विरोध किया। भारत ने भी उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया को लेकर सोमवार को बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपत बैठक में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस ग्रीनफील्ड ने कहा कि बाइडन प्रशासन उत्तर कोरिया द्वारा अवैध ढंग से मिसाइल परीक्षण लांच करने व क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने के लिए अन्य खतरनाक गतिविधियों की निंदा करता है। कहा, वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया के सभी मिसइल व परमाणु परीक्षणों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव करता है। इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए सभी 15 सदस्यों की सहमति अनिवार्य है। जबकि रूस और चीन ने सोमवार को संकेत दे दिया कि वे उत्तर कोरिया पर किसी भी कार्रवाई का जोरदार विरोध करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में रूस की उप राजदूत अन्ना इवस्टिग्नीवा ने कहा कि अमेरिका उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों के जरिये एकतरफा निरस्त्रीकरण के लिए दबाव डाल रहा है। उन्होंने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास व अमेरिका और दक्षिण कोरिया के नौसैनिक अभ्यास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने उत्तर कोरिया को बचाव में आइसीबीएम लांच के लिए मजबूर किया। वहीं, चीन ने राजदूत झांग जूं ने कहा मामले शांत करने के लिए संवाद की जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। भारत संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सुरक्षा परिषद की बैठक में उत्तर कोरिया की आइसीबीएम परीक्षण की निंदा की। उन्होंने कहा यह परीक्षण संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करता है। यह क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाला है। उलेखनीय है कि यह मिसाइल अमेरिका तक मार करने व परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। बैठक के बाद अमेरिकी राजदूत थामस ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद के आठ सदस्य देशों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, संयुक्त अरब अमीरात, आयरलैंड, नार्वे व अल्बानिया और साथ ही जनवरी में शामल होने जा रहे दक्षिण कोरिया, जापान व चार अन्य देशों की ओर से समर्थित एक प्रस्ताव पढ़ा। जिसमें उत्तर कोरिया की आइसीबीएम मिसाइल लांच करने की निंदा की गई और उत्तर कोरिया को बैलेस्टिक मिसाइलों व परमाणु हथियारों को सीमित करने को लेकर कार्रवाई की मांग की गई।

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