इटावा : दीवार के मोखला(बल्ली लगाने को होल) करने से रोकने पर नामजदों ने लाठी डंडो से प्रहार कर महिला की जान ले ली। जबकि उसके बेटे, बेटी और बहू को घायल कर दिया। गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने 12 घंटे पहले हुई मारपीट पर कार्रवाई की होती तो शायद महिला से सोमवार सुबह सरेआम मारपीट करके हत्या की घटना नहीं होती।
ऊसराहार थानाक्षेत्र में मामन गांव में रहने वाले राजबहादुर चौहान ने अपने मकान की सुरक्षा के लिए एक दीवार कुछ दिन पहले बनाई थी। दीवार निर्माण के दौरान कुछ स्थानों पर मोखले (छेद) खाली जगह छूट गई थी। जिसे राजबहादुर ने सुरक्षा की दृष्टि से ईंटों से बंद कर दिया था।
रविवार को शाम दीवार की दूसरी ओर पड़ोस में रहने वाले विनोद कुमार तथा सोनू पुत्र ने बंद मोखलो तोड़ दिए। जिससे विनोद की ओर से राजबहादुर का घर दिखने लगा। इसको लेकर रविवार को राजबहादुर की पत्नी गुड्डी देवी ने मोखला तोड़ने से विनोद को रोका तो वह गाली गलौज करने लगे राजबहादुर ने गालियां देने से रोका तो विनोद ने अपने साथियों के साथ राजबहादुर तथा उसकी पत्नी गुड्डी देवी की लाठी डंडो से बुरी तरह पिटाई कर दी।
गुड्डी को बचाने आई राजबहादुर की बहन सीमा देवी को भी बुरी तरह पीटा। राजबहादुर रविवार शाम छह बजे अपनी घायल पत्नी व बहन के साथ ऊसराहार थाने पहुंचकर तहरीर देकर कार्यवाही की गुहार लगाई। पुलिस ने पीड़ित की कार्रवाई करने की बजाय उल्टा उसे ही चिल्ला दिया, गुहार लगाने पर पुलिस ने घायल महिलाओं को डाक्टरी के लिए सीएचसी सरसईनावर भेजा।
डाॅक्टरी कराकर महिलाए वापस थाने आई तो पुलिस ने टरकाकर घर वापस भेज दिया। राजबहादुर मौके पर कार्रवाई करने की गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस ने एक नही सुनी। राजबहादुर सोमवार सुबह छह बजे घर से बाहर निकला तो विनोद और सोनू ने उसे घेरकर उसके ऊपर एक मोटे डंडे से सरेआम पिटाई शुरू कर दी।
उसकी 60 वर्षीय मां समुद्री देवी बचाने आ गई तो नामजदों ने मां के सिर पर उसी डंडे से कई प्रहार कर दिये जिससे वह बुरी तरह घायल होकर गिर पड़ी। मरणासन्न देख हमलावर धमकी देते हुए भाग निकले। समुद्री देवी को इलाज के लिए सीएचसी भरथना ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने समुद्री देवी को मृत घोषित कर दिया। सरेआम बुजुर्ग महिला की हत्या होने पर पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम हाउस के लिए भेज दिया। नामजदों के खिलाफ मारपीट और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया आरोपी पुलिस से अभी दूर हैं।
पुलिस तीन घायलों की गुहार पर करती कार्रवाई, नहीं होती हत्या
पीड़ित परिवार ही नहीं कई गांव वालों का कहना है कि पुलिस घटना के 12 घंटे बाद समुद्री देवी की हत्या होने पर ही आई। राजबहादुर और विनोद के बीच रविवार शाम पांच बजे झगड़ा हुआ था। जिसमें राजबहादुर, उसकी पत्नी व बहन घायल हुए। यह उसी दिन शाम छह बजे थाने गए लेकिन पुलिस नहीं आई।