एम्बुलेंस के लिए मिलाते रहे फोन, चली गई जान

लखनऊ। ट्र्र्रेन से गाजीपुर जा रहे परिवार के लिए यात्रा जीवन भर का दर्द दे गई। सफर कर रही महिला के पेट और सीने में तेज दर्द उठने पर परिवार चारबाग स्टेशन पर उतर गया। महिला के पति ने कई बार फोन कर एम्बुलेंस बुलाई लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। तबीयत बिगड़ने पर ऑटो से महिला को सिविल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गाजीपुर निवासी पुनीत लुधियाना में मजदूरी करता है। मंगलवार को वह ट्रेन से पत्नी सावित्री व चार बेटियों के साथ लुधियाना से गाजीपुर अपने गांव के लिए निकला था। बुधवार की सुबह ट्रेन में सावित्री के सीने और पेट में तेज दर्द होने पर वह सुबह करीब साढे़ नौ बजे चारबाग स्टेशन पर परिवार के साथ उतर गया। बाहर निकलते ही सड़क पर सावित्री बेहोश होकर गिर गई। पति व बच्चे बिलखने लगे। बच्चों को रोता देख राहगीर मदद के लिए पहुंचे।
पुनीत ने बताया कि पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस के लिए कई बार फोन किया। एम्बुलेंस चालक ने 10 मिनट में आने की बात कही । आधे घंटे तक इंतजार करने पर भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। उधर, पत्नी की तबीयत ज्यादा बिगड़ती देख पुनीत ने राहगीरों की मदद से एक ऑटो में उसे बैठाकर सिविल अस्पताल के लिए चल दिया। रास्ते में कई जगह ऑटो जाम में फंस गया। चारबाग से सिविल अस्पताल पहुंचने में 45 मिनट लग गए।
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला के शरीर में कोई हरकत न होने पर करीब 10 मिनट सीपीआर दिया। इमरजेंसी के डॉक्टरों ने सावित्री को मृत घोषित कर दिया।
मां के शव से से लिपट गईं चारों बेटियां
दंपति की दो से नौ साल की चार बेटियां मां की मौत के बाद शव से लिपटकर बिलखने लगीं। बेटियां मां को बार-बार उठने के लिए बोल रही थीं। दो व तीन साल की मासूमों को यह भी नहीं पता था कि मां को क्या हुआ? वह पिता व बड़ी बहनों को देखकर सिर्फ रोये जा रही थीं।
अस्पताल कर्मियों ने मदद कर गाजीपुर भिजवाया
पुनीत के पास इतने भी रुपये नहीं थे कि वह शव को घर तक ले जा पाता। अस्पताल के डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों ने आठ हजार रुपये जुटाये। शव वाहन मुहैया कराकर शव व परिवार के सदस्यों को गाजीपुर भिजवाया। अस्पताल कर्मियों ने रास्ते के लिए खानापीना भी रखवाया।
लखनऊ में 180 एम्बुलेंस उपलब्ध
लखनऊ में 108, एडवांस लाइफ स्पोर्ट (एएलएस) और 102 एम्बुलेंस सेवा 24 घण्टे उपलब्ध है। कुल 180 एम्बुलेंस की सुविघा है। जरूरत मंद व्यक्ति काल करके नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है। गर्भवती व दो साल तक बच्चों के लिए 102 सेवा दी जा रही है। किसी भी व्यक्ति द्वारा एम्बुलेंस की कॉल आने पर एम्बुलेंस दूरी के हिसाब से पहुंचने की सुविधा है। राजधानी में तमाम ऐसी सुविधा होने के बावजूद भी चारबाग जैसे प्रमुख इलाके में मरीज को एम्बुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा।

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