हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की एनटीटी नीति को दी मंजूरी

 

 

द ब्लाट न्यूज़ हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत नई नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के मुताबिक एक साल के डिप्लोमा धारक को ब्रिज कोर्स करना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुअी मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने एनटीटी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है।

 

 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों नर्सरी ट्रेंड टीचर की भर्ती होनी है और विभिन्न स्कूलों में 4700 से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती की जानी है। प्रदेश सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि निजी स्कूलों की ओर बढ़ रहा अभिभावकों का रुझान कम किया जा सके। सरकारी स्कूलों में ही निजी के स्तर की शिक्षा व्यवस्था और ढांचा सुदृढ़ किया जाए। हिमाचल प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं।

 

सरकार इससे पहले इस भर्ती प्रक्रिया को शुरू करवा सकती है। यह नीति दो साल से लटकी हुई थी। प्रदेश सरकार ने स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की हैं। अभी जेबीटी शिक्षक ही नर्सरी के बच्चों को भी पढ़ा रहे थे। जेबीटी शिक्षक सरकार से कई बार इस मामले को उठा चुके थे कि उन पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ रहा है और पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इस पर सरकार ने नीति बनाकर भर्ती का रास्ता खोल दिया है।

 

अब नर्सरी और केजी की कक्षाएं एनटीटी लेंगे। केंद्र सरकार की ओर से ही इसके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। केंद्र सरकार ही एनटीटी को मानदेय देगी। इसके अन्तर्गत शिक्षक को प्रतिमाह 9000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

 

मंत्रिमंडल ने रिफाइंड और सरसों के तेल पर प्राप्त होने वाले उपदान को सात महीने तक बढ़ा दिया है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले उपभोक्ताओं को रिफाइंड और सरसों के तेल पर प्रति पैकेट 10 से 20 रुपये उपदान दिया जाएगा। गरीबी रेखा से ऊपर के उपभोक्ताओं को पांच से 10 रुपये उपदान प्रदान प्रदान किया जाएगा। बैठक में सात महीने के लिए यह व्यवस्था की है, जो कि अगले वर्ष मार्च तक रहेगी।

 

प्रदेशभर के 499 वन विश्राम गृहों और निरीक्षण कुटीर के उचित रख-रखाव और भोजन प्रबन्ध के लिए वन विभाग में 499 पैरा कुुक और 563 पैरा हेल्पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित लगभग 2000 करोड़ रुपये के ‘हिमाचल विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की समयबद्ध निगरानी, क्रियान्वयन एवं सत्यापन लिए ऊर्जा निदेशालय में प्रस्तावित पीएमयू प्रतिष्ठान की स्थापना को अपनी स्वीकृति प्रदान की।

 

बैठक में शिक्षा विभाग में कार्यरत जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने 31 मार्च और 30 सितंबर, 2022 तक 11 साल (अंशकालिक जल वाहक और दैनिक वेतनभोगी के रूप में) का सेवाकाल पूर्ण किया है।

 

 

 

 

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