उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही होंगे सभी स्थानांतरण

 

द ब्लाट न्यूज़ । उत्तर प्रदेश में सभी स्थानांतरण अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद ही किए जाएंगे। राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गयी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि राज्य में 2022-23 के लिए स्थानांतरण की समयसीमा समाप्त हो गई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बगैर अब कोई स्थानांतरण नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि हाल में उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य और जल शक्ति विभाग में किए गए स्थानांतरण को लेकर बड़ा विवाद हुआ था जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया था। सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों को मंगलवार को जारी मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि इस वर्ष के लिए स्थानांतरण की नीति 15 जून को जारी की गई थी और स्थानांतरण की समयसीमा 30 जून को समाप्त हो गई। ए, बी, सी और डी वर्ग के कर्मचारियों के स्थानांतरण मुख्यमंत्री से आवश्यक अनुमति लेने के बाद ही किए जाएंगे।

हाल में पीडब्ल्यूडी विभाग में स्थानांतरण को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया था जिसके चलते मंत्री के ओएसडी को हटाया गया और विभाग के प्रमुख समेत पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक अपने विभाग में डाक्टरों के स्थानांतरण को लेकर नाखुश थे और उन्होंने स्थानांतरण प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखा था। जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने स्थानांतरण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को त्याग पत्र भेजा था। खटीक ने अपने पत्र में दलित होने की वजह से भेदभाव का सामना करने की भी बात कही थी।

 

 

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