Author : S.S.Tiwari
कानपुर। बिकरू कांड में आरोपित खुशी दुबे की शनिवार शाम 7:30 बजे जेल से रिहाई हो गई। जेल से बाहर आने के बाद खुशी ने कहा उसे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। किस अपराध में उसे जेल भेजा गया, इस प्रश्न पर उसने पता नहीं होने की बात कही। मुख्य मामले में खुशी समेत अब तक तीन लोगों को जमानत मिल चुकी है। हालांकि रिहाई सिर्फ खुशी की ही हुई है। बिकरू कांड से जुड़े मामले का एक आरोपित भी जमानत पर जेल से बाहर आ चुका है।
ये था पूरा मामला
चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायरिंग कर दी थी। घटना में आठ पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। घटना के बाद पुलिस ने विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था।नाबालिग होने के चलते बाराबंकी के सुधार गृह में रखा गया था। इसके बाद उसकी पत्नी खुशी दुबे पर हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती तथा फर्जी दस्तावेज से सिम लेने का मुकदमा दर्ज कराया था। आठ जुलाई 2020 को पुलिस ने उसे जेल भेजा था। नाबालिग होने के चलते पहले उसे बाराबंकी के सुधार गृह में रखा गया था और बाद में माती जेल लाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट से चार जनवरी को जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद शनिवार शाम करीब 5.30 बजे पाक्सो कोर्ट से रिहाई परवाना पहुंचा। जेल से बाहर आने के बाद खुशी दुबे ने बिकरू कांड की रात के सवाल पर कहा कि वह कमरे के अंदर थी और रात के समय बाहर गोलियां चलने की आवाज आ रही थी। बाकी उसे कुछ नहीं पता। घटना के बाद पुलिस उसे ले गई थी और चार दिन बाद जेल भेज दिया था, जबकि वह समझती रही कि पुलिस उसे घर लेकर जा रही है।