•चकरपुर मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय यादव मृतक सुनील से वसूली करते थे और मुफ्त में सब्जी लेते थे
• घटना के दिन नहीं पहुंचे थे डीसीपी विजय ढुल, दोनों की पुलिस कर्मी हुए फरार
Kanpur, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में इन दिनों पुलिस की कर प्रणाली पर बहुत सवाल उठ रहे हैं। जिसकी सूचना अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी पहुंच गई। जिसके बाद बुधवार को सीएम योगी ने कानपुर के सचेडी थाना क्षेत्र में चौकी इंचार्ज और सिपाही से पीड़ित सब्जी विक्रेता द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले पर मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए। वही ट्रेनिंग आईपीएस अमोल मुरकुट को फटकार लगाई इसके बाद शहर के चारों जोन के डीसीपी ने सभी चौकी प्रभारी के साथ बैठक की हैं ।

सचेडी कस्बा निवासी बालकृष्ण राजपूत का छोटा बेटा सुनील राजपूत 4 माह पहले चकरपुर मंडी में सब्जी लगता था मंगलवार सुबह 5:00 बजे फेसबुक स्टेटस पर सुनील की मौसी जसोदा ने आत्महत्या करने से जुड़े दो वीडियो देखें तो उन्होंने सुनील की मां राजेश्वरी को फोन किया इसके बाद परिवार वाले उसके कमरे में पहुंचे तो उसका शव फंदे में लटका हुआ मिला। फेसबुक पर अपलोड एक वीडियो में सुनील ने आरोप लगाया है कि चकरपुर मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय यादव उससे वसूली करते थे मुफ्त में सब्जी लेते थे और आए दिन अपमानित करते थे पुलिस वालों की वसूली से परेशान होकर आत्महत्या की सूचना के बाद बस्ती के लोग जुटे और विधायक अभिजीत सिंह संग को बुलाने की मांग करने लगे विधायक आए और उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तो थाना प्रभारी आईपीएस अमोल मुरकुट से उनकी तीखी नोक झोक हो गई जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। इतने घटनाक्रम के तक केवल एसीपी पनकी तेज बहादुर सिंह मौजूद रहे।

वहीं विधायक और आईपीएस में टकराव के बाद एडीसीपी पश्चिम वीरेंद्र द्विवेदी मौके पर पहुंचे मगर पूरे घटनाक्रम में डीसीपी विजय ढुल ने मौके पर जाना जरूरी नहीं समझा जिसके बाद मीडिया ने उक्त प्रकरण को जोर-जोर से उठा या तो बुधवार को पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने खाकी पर लग रहे आरोपों के राजपत्रित अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की उन्होंने डीसीपी को मौके पर न जाने को लेकर नाराजगी जताई जिसके बाद पुलिस आयुक्त कहा कि मीडिया में चल रहे खबर देखकर लग रहा है कि पुलिस की कर प्रणाली आरोपित पुलिसकर्मियों को बचाने जैसी है अगर आरोपी दारोगा और सिपाही गलत है तो उनपर सख्त कार्रवाई करके समाज में मिसाल कायम करनी चाहिए न कि उसे बचाने की कोशिश। इसके बाद शाम को 5:00 बजे डीसीपी विजय ढुल एसीपी तेज बहादुर सिंह के साथ मृतक सुनील के घर पहुंचे उन्होंने इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। बंद कमरे में करीब 1 घंटे तक दोनों अधिकारियों ने मृतक परिवार से पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल भी किए। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही पुलिस कर्मी इस समय फरार चल रहे हैं।
विधायक ने सीएम को शहर पुलिस की कार्यप्रणाली से वाकिफ करवाया गया
बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को लखनऊ पहुंच कर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जिसके बाद उनसे मिलकर विधायक ने पुलिस की कार्यप्रणाली और खनन माफिया से मिली भगत के बारे में जानकारी दी।

वहीं विधायक के मुताबिक मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्त को इस मामले में आरोपित पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं साथ ही आईपीएस अमोल मुरकुट को ट्रेनिंग के दौरान की जनप्रतिनिधियों से इस प्रकार के व्यवहार को लेकर लताड़ लगाई।
पुलिस,पत्रकार,नेता और वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया जाए
वहीं ऑनलाइन मीटिंग में पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि शहर में पुलिस,पत्रकार,नेता और वकीलों का एक सिंडिकेट कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहा है ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए हालांकि इनके खिलाफ कार्रवाई से पहले उच्च अधिकारियों की जानकारी दी जाए।
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