THE BLAT NEWS:
नगरी। बुधवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी के बैनर तले कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त अवसर पर अनिल वाधवानी (अध्यक्ष सिक्ख एवं सिंधी समाज तथा संचालक राइस मिल व पेट्रोल पंप नगरी), मुकेश चौधरी (चिकित्सक) एवं राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ब्रह्माकुमारी मूलेश्वरी बहन, ब्रम्हाकुमारी चंद्रमुखी बहन एवं संस्था के भाई बहनों सहित नगर के गणमान्य नागरिक की गरिमामय उपस्थिति रही पारंपरिक तरीके से कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता परमात्मा की स्मृति में दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात ब्रम्हाकुमारी बहनों द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान पुष्पगुच्छ एवं ईश्वरीय सौगात के साथ की गई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम अनिल वाधवानी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि तंबाकू सेवन स्वयं व दूसरों के लिए हानि का कारण है इससे हमें बचना चाहिए इसके सेवन से हजारों जिंदगियां बर्बाद हो रही है लोगों की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। इसी तारतम्य में मुकेश चौधरी ने कहा कि तंबाकू सभी के जीवन के लिए जहर है तंबाकू सेवन उस व्यक्ति के लिए तो हानिकारक है ही साथ में रहने वाले परिवारजनों को भी भयानक बीमारियों का उपहार दे रहा है उन्होंने कहा तंबाकू में उपस्थित निकोटिन हमारे मस्तिष्क को ज्यादा प्रभावित करता है। तत्पश्चात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा जिस युवा पीढ़ी को हम भारत की शान कहते हैं जिसको सुरक्षा कवच के रूप में जानते हैं वहीं सुरक्षा सुरक्षा कवच आज इस नशीले पदार्थों के गिरफ्त में आकर खोखला होते जा रहा है ज्यादातर 10 से 35 साल के युवाओं में नशे की लत देखी जा रही है
आज हर 4 सेकंड में 1 व्यक्ति का जीवन खत्म होते जा रहा है तंबाकू के सेवन से हमारे दिमाग में बुरा असर पड़ता ही है साथ ही शरीर भी बीमारियों का घर बनते जा रहा है। किसी भी व्यसन की पहली सीढ़ी तंबाकू व धूम्रपान होती है इस सीढी में चढ़कर वे अनेक घातक नशे की तरफ बढ़ते हैं कभी बुरी संगति के कारण तो कभी मानसिक तनाव के कारण तो कभी दिखावे के कारण इन व्यसनों का प्रयोग शुरू कर देते हैं ब्रम्हाकुमारी भावना बहन ने आगे कहा कि तंबाकू से अन्य व्यसनों की शुरुआत होती है और इसके गिरफ्त में आ जाते हैं इसके लिए हमें आधुनिक संस्कार को छोड़ भारतीय सभ्यता व संस्कृति को अपनाना होगा। मानव जीवन संपूर्णता को लिए हुए है हमें अपने इस अमूल्य जीवन को व्यसनों में नहीं खोना चाहिए इसके प्रयोग से हमारे नैतिक मूल्यों में गिरावट व सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होती है इसके लिए मेडिटेशन का नित्य प्रयोग से मनुष्य अपनी खोई हुई शक्तियों को जागृत करता है अपने आत्मविश्वास में अभिवृद्धि करता है। व्यसनों से ग्रसित व्यक्ति इसको छोडऩा तो चाहता है परंतु दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में वह चाह कर भी इसे नहीं छोड़ पाता। मेडिटेशन से सकारात्मक दिशा प्राप्त होती है व्यसनों को छोडऩे की सर्वाधिक प्रभावी विधि परमात्मा से जुडऩा है नित परमात्मा याद से व्यसन खत्म होकर मन श्रेष्ठ विचारों से भर जाता है। तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी मुलेश्वरी बहन ने व्यसन मुक्ति के लिए मेडिटेशन कराया। ब्रम्हाकुमारी चंद्रमुखी बहन ने व्यसन मुक्ति हेतु प्रतिज्ञा कराकर नारे लगवाए। उक्त कार्यक्रम का संचालन मन्नू भाई द्वारा किया गया।