विचार

फर्क थोड़ा सा है तेरे और मेरे इश्क में तू अपनों के खातिर रात भर जागता है और मुझे समाज के हालात सोने नहीं देते

🌹 किसी ने सच ही कहा है की जुगनू किसी रोशनी का मोहताज नहीं होता अपने प्रकाश का स्वयं सृजन करता है🌹 जितनी अजीब यह बाहर की दुनिया है उससे भी ज्यादा अजीब यह अंदर की दुनिया है इंसान अपनी जिंदगी में हर कार्य सुख प्राप्त करने के लिए करता …

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हाथ बांधे क्यों खड़े हो हादसों के सामने हादसे कुछ भी नहीं है हौसलों के सामने

निराश हुए बिना पराजय को सह लेना पृथ्वी पर साहस की सबसे बड़ी मिसाल है जिस तरह वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नहीं होता कि उसने कितने पुष्प खो दिए वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता है कुछ इसी तरह की सोच का सृजन कर चुका …

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सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है

💐फरक बहुत है तेरी मेरी तालीम में तूने उस्तादों से सीखा है और मैंने हालातो से💐🙏 विषम परिस्थितियों में भी बिना थके बिना रुके बेहतर से बेहतर करने का प्रयास मन फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है इसी क्रम में आज 30 मई 2021 को भोला खेड़ा मानस नगर में …

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अनिल दवेः पर्यावरण के मुद्दे को मुख्यधारा की राजनीति का हिस्सा बनाने वाला नायक

-प्रो.संजय द्विवेदी- उन्हें याद करना एक ऐसे व्यक्ति को याद करना है, जिसके लिए राजनीति का मतलब इस पृथ्वी और मानवता के सामने उपस्थित संकटों के समाधान खोजना था। उनका सुदर्शन,सजीला और नफासत से भरा व्यक्तित्व, मनुष्य जीवन के सामने उपस्थित चुनौतियों से व्यथित रहता था। अपने संवादों में वे …

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अद्वितीय सेनानी : तात्या टोपे

-वीरेन्द्र सिंह परिहार- जब भारतवर्ष करीब-करीब 1857 के स्वतंत्रता की लड़ाई हार चुका था, और पूरे देश में अंग्रेजों का पुन: अधिपत्य हो गया था। उस दौर में भी अपने जीवन के अंतिम दस महीनों तक तात्या टोपे कैसे संघर्षरत रहे? वह एक अंग्रेज लेखक के शब्दों में ”फिर पीछे …

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कोरोना की दूसरी लहर का देश के आर्थिक विकास पर असर दिख रहा है।

-अशोक भाटिया- अब वित्त मंत्रालय भी मान रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का देश के आर्थिक विकास पर असर दिख रहा है। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही …

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कोरोना संकटः पाक में कौन खड़ा है भारत के साथ

-आर.के. सिन्हा- कोरोना की दूसरी लहर के कारण भारत में जो कुछ हो रहा है उसे सारी दुनिया ने देखा। सारी दुनिया आज इस संकट में भारत के साथ खड़ी है। भारत को दुनिया के विभिन्न देशों से मदद भी मिल रही है। पहले दौर में भारत ने सबकी बढ़-चढ़कर …

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खेला होबे के मायने

-वीरेंद्र सिंह परिहार- विगत दिनों 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के जो परिणाम सामने आये, उनका एक बडा निहितार्थ तो यह है कि वर्तमान दार में एन्टी इनकम््बेन्सी या सत्ता विरोधी कारक उतना महत्वपूर्ण नहीं रह गया है जितना कुछ दशकों पूर्व हुआ करता था। यह इससे साबित है कि …

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वैक्सीन की कमी

-सिद्वार्थ शंकर- कोरोना महामारी से बचने शुरू में जिस तरह टीकाकरण को लेकर सरकारों ने उत्साह दिखाया और देश में बने दो टीके चरणबद्ध तरीके से लगाने की रूपरेखा तैयार की गई, उससे लगा था कि अब देश में कोरोना का खतरा जल्दी टल जाएगा। पहले मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया …

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प. बंगाल हिंसाः वामपंथी विचार पर तृणमूल का अमल

-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री- पश्चिम बंगाल से कम्युनिस्ट पार्टियों का सफाया हो गया है लेकिन उनके विचार ममता बनर्जी के नेतृत्व में संरक्षित व संवर्धित हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि कम्युनिस्ट कैडर करीब एक दशक पहले ही तृणमूल कॉंग्रेस में शामिल हो चुका है। यहां सरकार तो …

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