द ब्लाट न्यूज़ जिलाधिकारी अनुज सिंह ने जिला चिकित्सालय में रक्तदान शिविर, संगोष्ठी एवं रक्तदाताओं के सम्मान समारोह के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं ब्लड सेंटर का फीता काटते हुये निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस रक्तदान शिविर में विभिन्न संस्थाओं एवं सीतापुर के नागरिकों के सहयोग से ही इस शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि जैसा की हम जानते हैं कि यहां की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी है व सीतापुर तराई क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इसलिये यहां पर बीमारियों का प्रकोप ज्यादा होता है।
चिकित्सालय की ओ0पी0डी0 अन्य बड़े-बड़े चिकित्सालयों की अपेक्षा ज्यादा चलती है, फिर भी हमारे चिकित्सक इसमें पूरा सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से आपरेशन होते हैं, जिसमें रक्त की ज्यादा आवश्यकता होती है। चाहे वह प्राइवेट अस्पताल ही क्यों न हों। इसलिये हम लोगों को इस शिविर के माध्यम से रक्त को पहले से एकत्र कर लेते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को रक्त दिया जा सके। जिससे लोगों की जान बच सके। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में एक सीमित संख्या तक ही ब्लड को एकत्र किया जा सकता है। अतः कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास डोनर नहीं होता है, फिर भी उसको रक्त दिया जाता है। संख्या को बनाये रखने हेतु स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने के लिये हम आगामी समय में एक मेगा शिविर का आयोजन करेंगे। जिसमें सभी सरकारी, गैर सरकारी एवं आम जनता को रक्तदान करने हेतु प्रेरित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू के समय अब सीतापुर वासियों को प्लेटलेट्स के लिये कहीं भी बाहर जाने की आवश्यकता नही है, जल्द ही इसकी शुरूआत जिला चिकित्सालय में हो जायेगी। साथ ही उन्होंने सभी को रक्तदान करने के लिये शपथ भी दिलायी। उन्होंने नगर वासियों से अपील की है कि यदि उनके क्षेत्र में कोई क्लबफुट (ऐसे बच्चे जिनके पैर अन्दर या बाहर की ओर मुड़े हों) से प्रभावित नवजात बच्चा हो तो उसके बारे में सूचित किया जाये ताकि समय रहते उसका इलाज सम्भव हो सके। रक्तदाताओं एवं क्लबफुट से प्रभावित बच्चों को जिलाधिकारी ने सम्मानित करते हुये उनके अभिभावकों से वार्ता भी की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 मधु गैरोला ने अपने सम्बोधन में कहा कि रक्तदान से बड़ा और कोई दान नहीं है।
रक्तदान करने से किसी की जिन्दगी बच सकती है। इसके लिये हमें स्वयं को व दूसरों को भी रक्तदान करने हेतु प्रेरित करना चाहिये। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 आर0के0 सिंह ने कहा कि कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के उपलक्ष्य में 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस कार्यक्रम को पहली बार 14 जून, 2004 को विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेडक्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा मनाया जाने के लिए शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य स्वेच्छा से स्वस्थ व्यक्ति द्वारा बिना भुगतान के सुरक्षित रक्तदान की आवश्यकता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना था। इस दिन को सबसे पहली बार 2004 में नियमित रक्तदान की आवश्यकता और जीवन बचाने के लिए इसकी जरुरत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था।