सेलूद को नगर पंचायत बनाने की मांग अब जोर पकडऩे लगी है

THE BLAT NEWS:

सेलूद। सेलुद को नगर पंचायत बनाने  की मांग अब जोर पकडऩे लगी है । अमलेश्वर को नगर पंचायत फिर नगर पालिका परिषद  बनाने के बाद सेलुद को भी नगर पंंचायत बनाने की संभावना प्रबल हो गई है । काफी लंबे समय से ग्राम पंचायत सेलुद को नगर पंचायत बनाने की मांग ग्रामीणों द्रारा की जा रही है । मांग करने का मुख्य कारण अन्य ग्राम पंचायतों की तुलना में ग्राम सेलुद का विकास नहीं होना पाना है । पाटन विधानसभा का सबसे बड़ा ग्राम के साथ पाटन ब्लाक में सर्वाधिक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी की भुमि नगर पंचायत बनकर ही विकास के सोपान तय कर पायेंगे ऐसा अब सेलुद के ग्रामीण की सोच हो गई है । ग्राम के पुर्व  मुखिया के विकसित सोच नहीं होने की  बदौलत यहाँ खुलने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थाना व कालेज नहीं खुल पाया और सेलुद के मुल निवासियों द्वारा जानवरों के चरागाह के लिए अपनी लगानी  124 एकड़  भुमि को दान दिया गया था आज  लगभग  आधे जमीन पर अतिक्रमण हो गया है ।इसी जमीन  पुर्व में  बड़ी योजनाएं खुल जाता तो सेलुद के ग्रामीणों  को रोजगार मिलता और ग्राम का तेजी से विकास होता । लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ ।Image result for सेलूद को नगर पंचायत बनाने की मांग अब जोर पकडऩे लगी है
नगर पंचायत बनने से यह  लाभ होगा;
नगरीय योजना लागु होगा और  शहर की तरह तेजी से विकास होगा । भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों का निर्माण आर्थिक व सामाजिक विकास योजना।
सड़कें नाली लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई और कूड़ा करकट प्रबंधन अग्निशमन सेवाएँ  की सुविधा बढेगी ।
नगरीय वानिकी, पर्यावरण का संरक्षण और  आयामों की अभिवृद्धि ।समाज के दुर्बल वर्ग, झुग्गी बस्ती सुधार कार्य में तेजी आना ।गाँव में  पार्क, उद्यान, खेल के मैदान आदि की व्यवस्था।  शवदाह और श्मशान तथा विद्युत शवदाह गृह की उपलब्धता । सार्वजनिक सुख सुविधाएँ, जिसके अंतर्गत सड़कों पर प्रकाश, पार्किंग स्थल, बस स्टॉप और जन सुविधाएँ मे वृद्धि होगी ।
जुड़े हुए ग्राम पंचायतों को जोड़ कर बना सकते है नगर पंचायत:
वैसे तो कम से कम 5,000 की आबादी या कम से कम 75 प्रतिशत पुरुष कामकाजी आबादी गैर-कृषि व्यवसायों में लगे हुए हो जनसंख्या का घनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी का नियम बताते है लेकिन दस हजार कि आबादी पर नगर पंचायत बनने की स्थिति में लगे हुए ग्राम पंचायत पतोरा और चुनकट्टा की सेलुद नगर पंचायत में शामिल किया जा सकता है ।शहरी क्षेत्रों में जब जनसंख्या बढ़ती जाती है तो इनके स्थानीय शासन की प्रकृति बदलती जाती है।  गावों से जो शहरों में तब्दील हो रहे है वह क्षेत्र नगर पंचायत के अंतर्गत आते है। इसके साथ प्रस्तावित क्षेत्र में पुलिस थाना, आसपास व्यवसाय केंद्र, स्कूल, हेल्थ सेंटर, बिजली, बैंक, पोस्ट ऑफिस आदि की व्यवस्था होने से ग्रामीणों को सुविधा भी बढ़ जाती है ।
नगर पंचायत बनाने से फायदे क्या क्या होगा;
इससे स्थानीय स्तर पर लोग अपनी जरुरत के हिसाब विकास की रूप रेखा तय कर पाते हैं। लोगों की राजनीतिक भागीदारी, रोजगार में बढ़ोतरी, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा पलायन पर पुर्ण रुप तक लगाम लगता है।नगर पंचायत बनना इस पंचवर्षीय में बलवती दिखाई दे रही है ।क्योंकि ग्राम पंचायत सेलुद के द्वारा पुर्व में भी नगर पंचायत बनाने कि मांग की जा रही है ।लेकिन इस बार यह मांग इसलिए पुरा होने की बात कही जा रही है ।क्योंकि पाटन विधानसभा से ही मुख्यमंत्री  भुपेश बघेल से प्रदेश के मुख्यमंत्री है ।और ग्राम पंचायत सेलुद के पंचों द्वारा ग्राम सेलुद में मुख्यमंत्री के आगमन के दिन उन्हें ज्ञापन सौंप कर नगर पंचायत बनाने की मांग कर चुके है । पंचों के द्वारा मांग करने से यह मांग और प्रबल हो गई है ।
सेलुद नंगर पंचायत बनने पर  होगा राजनीतिक लाभसेलुद को नगर पंचायत बनाने से यहाँ के स्थानीय नेताओं के कद बढ जायेंगे ।दो तीन गांवों का केन्द्र बिन्दु होने से गाँव स्तर की राजनीति करने वालों को राजनीति का लाभ मिलेगा और उनकी राजनीतिक पहचान बढ़ जायेगी । एक स्थानीय क्षेत्र में अच्छा कार्यों के कारण पार्षद का चुनाव आसानी से जीत सकते है । चुनाव राजनीतिक चिन्ह से होने से राष्ट्रीय पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव लडऩे और जीतने में आसानी व सुविधा होगी। पार्षद की संख्या अधिक जीतकर आने पर नगर पंचायत अध्यक्ष बनना आसान होगा ।साथ ही ग्राम विकास के प्रस्ताव पास कराने में भी सुविधा होगी ।नगरीय निकाय होने से विकास राशि अधिक आयेगी ।जिस पार्टी का नगर पंचायत अध्यक्ष बना उस पार्टी के चार ऐल्डरमेन बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को मैनेज किया जा सकता है ।राजस्थान की तर्ज पर अब छत्तीसगढ के नगर पंचायत के गांवों  पर 100 दिन का गारटेंड रोजगार देने की योजना पर विचार विमर्श चल रहा है। यह सुविधा जिले से नगर पंचायत  क्षेत्र में उपलब्ध होगी। राज्य सरकार की इस योजना से नगर पंचायत बनने के बाद भी शहरी मनरेगा कार्य मिल जाने से गाँव के  मनरेगा श्रमिकों को काम मिल जायेगा  योजना के तहत कम से कम 100 दिन का रोजगार मिल जाएगा।
शहरी मनरेगा में कौन-कौन से काम करने होंगेयोजना के तहत शहरी सीमा में पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्य, जल संरक्षण संबंधी कार्य, स्वच्छता एवं सेनिटेशन संबंधी कार्य, शहर में पार्किंग स्थल का रखरखाव और देखरेख, बिजली से संबंधित काम, संपत्ति विरूपण रोकने संबंधी कार्य, कन्वर्जेंस कार्य, सेवा संबंधी कार्य, हेरिटेज संरक्षण से संबद्ध कार्य, इनके अलावा नगरीय निकायों व सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा, फेंसिंग, चारदीवारी व राज्य सरकार की ओर से अनुमत जैसे कई कार्यों को शामिल किया गया हैराजीव नगर आवास योजना भी  बनना शुरू हो गया हैग्राम सेलुद में नगरीय करण को बढावा देने के लिए चरागाह की दस एकड़ जमीन  में कुसुम भवन संख्या  63 राशि लगभग नौ लाख रुपये पलाश भवन संख्या  133 राशि सोलह  लाख रुपये  कचनार  भवन संख्या 18 राशि लगभग 28 लाख दुकान 15 दस लाख रुपये में बनना शुरु होना है ।इसमें सभी प्रकार की सुविधा एक सीमा का अंतर्गत मिलेगा ।विभिन्न समाजो के बीच सामाजिक समरसता भी होगा कायमग्रामीण स्तर पर राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता इतनी बढ चुकी है की एक समाज के लोग दुसरे समाज के लोगों के घर दुख सुख के अवसरो पर  आने  जाने में अनाकानी करने लगे है ।समाज के बीच  प्रतिस्पर्धा जैसे स्थिति निर्मित हो गई है अपने राजनीतिक लाभ के लिए लड़ाई जैसे स्थिति नजर आती है बड़े गाँव होने के कारण विभिन्न समाज के लोगों के बीच पहले जो सामाजिक समरसता होती थी ।लोग दुख सुख के समय में एक दुसरे के घर आते जाते थे ।अब उसमें कमी दिखाई देती है। नगर पंचायत बनने से राजनीतिक व्यक्तियों की संख्या बढऩे से पुन: सामाजिक समरसता स्थापित होने की संभावना बढ़ जायेगी ।मुख्यमंत्री के भेट मुलाकात का कार्यक्रम पाटन  विधानसभा मे अभी नही हो पाया है। ग्राम धौराभाठा मे यह कार्यक्रम तय हो गया था।लेकिन  अब स्थान परिवर्तन हो सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेटमुलाकात कार्यक्रम में सेलूद को नगर पंचायत बनाने की घोसणा कर सकते है?

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