THE BLAT NEWS:
तिलोई ,अमेठी।मौसम का असर अधिकारियों और आम आदमी पर अलग अलग हो रहा है।आम आदमी इस तापमान में बिलबिला रहे हैं तो वहीं अधिकारियों ने खुद को वातानुकूलित कमरों में कैद कर रखा है।प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा योजना से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में तालाब खोदवाये जाते हैं और उनको तैयार कराने पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाया जाता है आज उन्हीं तालाबों से धूल उड़ रही है लेकिन साहब अपनी आंखें बंद किये हुये है। विकास खण्ड सिंहपुर की दर्जनों ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपये की लागत से खोदवाये गये तालाबों में इन दिनों धूल उड़ रही है।गर्मी के इस मौसम में पानी की आवश्यकता सभी को होती है।आदमी तो पानी का जुगाड़ कर लेता है लेकिन मवेशियों, पंक्षियों और जंगली जानवरों को पानी नही मिल पा रहा है।
प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में तालाबों को पानी से भराने के जुमले सुनाई पड़ते हैं लेकिन अपवाद को छोड़ दिया जाय तो यह सभी तालाब मुंह बाये आसमान की बारिश का इंतजार करते हैं।इस ओर अधिकारियों की नजर तो जाती ही नही जनप्रतिनिधियों ने भी इस अहम समस्या से अपना मुंह मोड़ रखा है।विकास क्षेत्र सिंहपुर में प्रतिवर्ष लाखों रुपये तालाबों में पानी भरवाने के नाम पर पी लिया जाता है और पंचम राजवित्त से रकम निकालकर बंदरबांट कर लिया जाता है और कागजों पर तालाब लबालब दिखा दिये जाते हैं।अगर इस मामले का भौतिक सत्यापन और स्थलीय निरीक्षण कर लिया जाय तो कई मठाधीश बेनकाब हो सकते हैं। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि क्षेत्र के अधिकांश अमृत सरोवर भी अपूर्ण है लेकिन ब्लाक कर्मियों द्वारा आला अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है।ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से तालाब में पानी भरवाये जाने की मांग की है।
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