THE BLAT NEWS:
मेरठ। सभी राजनीतिक दलों से टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी प्रत्याशियों की हार-जीत का गणित बिगाड़ सकते हैं। कुछ लोगों ने तो टिकट घोषित होने के बाद से ही विरोध दिखाना शुरू कर दिया। ऐसे भी काफी कार्यकर्ता हैं, जो गुपचुप तरीके से प्रत्याशी का नुकसान करके अपनी नाराजगी जताने की जुगत में हैं। हालांकि सभी दलों ने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का भी काम शुरू कर दिया है।
महानगर में 90 वार्ड हैं। सभी दल यानी सपा, भाजपा, बसपा, रालोद, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत अन्य दलों से खासकर पार्षद पद के लिए टिकट मांगने वालों की लंबी लाइन रही है। शहर में कई ऐसे वार्ड हैं जहां से 20-25 लोगों ने राजनीतिक दलों से टिकट की दावेदारी की हुई थी, जिसका जीता जागता सबूत टिकट वितरण और नामांकन के अंतिम दिन तक देखने को मिला। अगर हम भाजपा का कोर वोटर कहे जाने वाले त्यागी समाज की बात करें तो नगर निगम के एक वार्ड में भी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। त्यागी समाज के लोग लगातार विरोध में उतरे हुए हैं। दो दिन पहले ही त्यागी समाज के जिम्मेदार लोगों ने अपने अपमान का बदला लेने तक की चेतावनी दी। इतना ही नहीं अन्य कई ऐसे समाज हैं जिन्होंने टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई है।ऐसा विरोध केवल भाजपा में ही नहीं बल्कि सपा, बसपा, कांग्रेस में भी है। इनमें कई समाज तो मुखर होकर सामने आ गए हैं, जबकि कई लोग ऐसे भी हैं जो शांत रहकर अपने वार्ड पार्षद और महापौर प्रत्याशी का नुकसान करेंगे। यह स्थिति नगर निगम में ही नहीं बल्कि जिले की दोनों नगर पालिकाओं और 13 नगर पंचायतों में भी सामने आ रही हैं। कई ने तो निर्दलीय आवेदन करके चुनाव में ताल भी ठोक दी है। अब देखनायह है कि क्या राजनीतिक दलों के नेता इन बागियों को मनाने में कामयाब होंगे या फिर रामभरोसे छोड़ दिया जाएगा। सपा की ओर से जारी सूची में कई वार्डों में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद दूसरे प्रत्याशी लखनऊ पहुंच गए, जहां प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम से मिलकर अपना टिकट करा लाए, जिसके बाद प्रत्याशी बदल दिए गए। इससे टिकट कटने वालों में भारी रोष है। वे सपा जिलाध्यक्ष पर प्रत्याशी बदलने का आरोप लगा हैं।
रविवार और सोमवार को जारी हुई सूची में पांच वार्डों में प्रत्याशी के नाम शामिल होने के बाद बावजूद प्रत्याशी बदल दिए गए। जिससे सूची में नाम वार्ड 71 से मौहम्मद इसरार, वार्ड-72 से मतीन अंसारी, वार्ड -77 से मुस्तफा अंसारी व वार्ड 75 से महताब की पत्नी, वार्ड 90 से सरताज को प्रत्याशी घोषित किया गया था लेकिन पांचों वार्ड में सूूची में नाम आने के बावजूद प्रत्याशी बदल दिए गए, जबकि इन्होंने नामांकन भी कर दिया था। मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पांचों वार्ड के प्रत्याशी बदल दिए गए। वार्ड-71 के प्रत्याशी मौ. इसरार और वार्ड-72 से प्रत्याशी मतीन अंसारी ने जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह, महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी व अतुल प्रधान के लेटर लगाकर वार्ड-71 से अहसान अंसारी व वार्ड-72 से उसके बेटे जीशान अंसारी को प्रत्याशी बना दिया जबकि वो पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता भी नहीं थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रंजन शर्मा को चुनाव लडाने पर अहसान अंसारी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था जबकि जनरल महिला सीट के लिए वार्ड-75 से महताब की पत्नी का टिकट काटकर शहजाद की पत्नी, वार्ड-77 से मुस्तफा अंसारी की जगह शहजाद की पत्नी को टिकट दिया गया है। वार्ड-90 सरताज की जगह नवाब को टिकट दिया गया है। इस बारे में सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह का कहना है कि तीन वार्ड-71, 77 व वार्ड- 90 में जिला स्तर पर जो प्रत्याशी बनाए गए थे, वे प्रदेशाध्यक्ष ने बदले हैं।