समर्थन मूल्य पर 2809 क्विंटल सरसों आया, जबकि व्यापारियों के पास 1.08 क्विंटल से ज्यादा बिका

THE BLAT NEWS:

मुरैना, समर्थन मूल्य पर इस साल सरसों के भाव ज्यादा हैं और बाजार में काम, फिर भी किसानों की रुचिसरकार की सरसों बेचने में नहीं है। दरअसल, समर्थन मूल्य पर उपज बेचने की जटिलताओं से किसान परेशान हैं। नतीजा समर्थन मूल्य से 500 से 700 रुपये प्रति क्विंटल कम में ये व्यापारियों को सरसों बेच रहे हैं और संतोष कर रहे हैं। गेंहू और चना को लेकर भी यही स्थिति है। बता दें कि इस साल सरसों का समर्थन मूल्य 5400 रुपये प्रति क्विंटल है, वहीं बाजरा में दर 4800 से 500 रुपये प्रति क्ंिवटल है। मुरैना जिले में समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए 6904 किसानेां ने पंजीयन कराया था, जिसमें से जिला प्रशासन के सत्यापन में 6445 किसान चिह्नित हुए, पर इनमें से मात्र 249 किसानों ने सरसों बेचने के लिए सलाट बुक करवाया।राई एवं सरसों के फायदे आयुर्वेदिक लाभ | Mustard Seed Benefits in Hindi

249 में से भी मात्र 74 किसानों ने ही 2809 क्विंटल सरसों सरकार को बेचा। दूसरी ओर कृषि उपज मंडियों में सरसों की बंपर आवक हो रही है। अकेले मुरैना कृषि उपज मंडी में ही मार्च व अप्रैल महीने में 14 हजार से ज्यादा किसान एक लाख आठ हजार 220 क्विंटल सरसों बेचचुके हैं। सरसों की तरह गेंहू व चना की भी किसान समर्थन मूल्य पर बेचने में रुचि नहीं ले रहे। जिले में जबकि गेंहू के सत्यापित 4674 किसानों में ने 28 किसानों ने स्लाट बुक करवाए, इनमें से एक ने भी सरकार को गेंहू नहीं बेचा। गेंहू, सरसों व चना खरीदने के लिए 28 खरीद केंद्र जिलेभर में बनाए गए थे, इनमें से 23 खरीद केंद्र अब बंद हो चुके हैं। बड़ागांव के किसान सुरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पहले फोन पर मैसेज आता था, उसके बाद उपज लेकर खरीद केंद्र पर चले जाते थे। अब ऑनलाइन स्लाट बुक करवाने के लिए कियोस्क सेंटर व अन्य कंप्यूटर सेंटरपर जाना पड़ता है। किसानों को मोबाइल से स्लाट बुक करना आता नहीं।

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