हमराज कंपलेक्स के पीछे के हिस्से में लगी

THE BLAT NEWS:

कानपुर अनवरगंज थाना क्षेत्र के बांसमंडी स्थित कपड़ा मार्केट में लगी आग को 62 घंटे से ज्यादा हो गए है। लेकिन अभी भी आग को बुझाया नहीं जा सका है। लगातार सेना,एयरफोर्स,एनडीआरएफ,एसडीआरएफ की टीम लगातार आग बुझाने का प्रयास कर रही है। 52 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां आग बुझाने का लगातार प्रयास कर रही है।कोपरगंज में लगी आग में रविवार सुबह करीब 5:30 पीछे की तरफ हमराज कंपलेक्स के अब तक बचे हुए पीछे के हिस्से में भी तेज आग लग गई। इसकी वजह से करीब 400 दुकानों का माल पूरी तरह जल गया पीछे के हिस्से में यहां करीब 600 दुकानें बनी हुई है जिसमें से कल दिनभर ग्राउंड फ्लोर और अंडरग्राउंड के गोदाम और दुकानों से कारोबारियों ने अपना माल निकाल लिया था।
इस तरह करीब 200 कारोबारियों का माल बच गया। इस हिस्से में अभी भी हाइड्रोलिक फायर लिफ्ट लगाकर आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इस तरह अब तक करीब 1350 पास दुकाने प्रभावित हो चुकी हैं। बांसमंडी के पांचो प्रभावित कांप्लेक्स में अभी भी रह-रहकर धुआं उठ रहा है। अब आग पीछे के हिस्से में है। रविवार को आगरा से भी हाइड्रोलिक फायर ब्रिगेड मंगानी पड़ी। आग की चपेट में स्टेट बैंक भी है। ऐसे में बैंक के लॉकर को क्रेन से नीचे उतारा गया।अग्निशमन विभाग के कर्मचारी उसे बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। 

स्टेट बैंक की ब्रांच से लॉकर-करेंसी हटी:

स्टेट बैंक कर्मचारियों ने रविवार दोपहर कोपरगंज के नफीस कांप्लेक्स से लॉकर,एसी,अलमारी व जरूरी सभी कागजात निकाल लिए। स्टेट बैंक के लॉकर के कैबिनेट में 70 लाकर हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। बैंक प्रबंधन के मुताबिक जल्दी इन्हें दूसरी जगह लगा दिया जाएगा। साथ ही सभी खाताधारकों से आग्रह किया जाएगा कि वे अपने लाकर की जांच करने आ जाएं।
स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक नीलेश द्विवेदी ने बताया कि फिलहाल सभी खाताधारकों को रेलवे स्टेशन शाखा से अपने ट्रांजैक्शन करने के लिए कहा जा रहा है। एक-दो दिन में ही एक नई ब्रांच की शुरुआत कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि सिर्फ कुछ फर्नीचर के अलावा बाकी कोई नुकसान नहीं हुआ है। सारा डाटा सुरक्षित कर लिया गया है। सारे वित्तीय कागजात पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि 70 कैबिनेट वाले लाकर में करीब 30 ग्राहकों ने उसे किराए पर लिया हुआ है बाकी खाली हैं।

अग्निकांड की भयावहता देख कोई निर्णय नहीं ले पाए अफसर :
इतनी बड़ी आग होने के बाद भी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आलाधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सके। दूसरे दिन लखनऊ से हाइड्रोलिक फायर मशीन मंगाई गई और फिर उसके बाद प्रयागराज से एक और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म फायर ब्रिगेड मंगाई गई। इतना ही नहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी तत्काल नहीं बुलाया गया। अफसरों का बचाव कार्य के लिए एक्शन देरी से लेना भी अग्निकांड की भयावहता के पीछे बड़ी वजह बनकर सामने आई है।

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