पिछले 72 घंटे तक चली सांकेतिक हड़ताल

THE BLAT NEWS:

बांदा। विद्युत कर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल का असर शहर से लेकर गांव तक दिखा। बिजली आपूर्ति लड़खड़ाने से लोग गर्मी से बेहाल रहे। बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों की बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई है। बिजली आपूर्ति ठप होने से उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली का निजीकरण न करने सहित अन्य मांगों को लेकर बिजली कर्मचारियों की चल रही सांकेतिक और पूर्ण हड़ताल का जन जीवन पर खासा असर देखने को मिला। करीब 50 गांवों और शहर के तीन फीडरों में बिजली गुल होने से लोग पानी को तरस गए।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में 72 घंटे के कार्य बहिष्कार के बाद अब एक बार फिर से 72 घंटे की पूर्ण हड़ताल शुरू हो गई है। शुक्रवार को चिल्ला रोड स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर हड़ताली बिजली कर्मचारियों ने धरना दिया। बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल का असर पहले दिन ही नजर आने लगा। बिजली की आपूर्ति पर भी काफी प्रभाव पड़ा। शहर के भूरागढ़ फीडर से जुड़े गंछा, कहला, गोंड़ी बाबा और पीली कोठी से जुड़े गायत्री नगर, कालू कुआं समेत ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत फीडर में खराबी आने से 50 गांवों की बिजली की आपूर्ति ठप रही। इससे ग्रामीण परेशान रहे। ग्रामीणों ने विद्युत आपूर्ति ठप होने से परेशान होकर कलेक्ट्रेट मंे प्रदर्शन कर ज्ञापन भी सौंपा। उधर, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे बिजली कर्मियों की हड़ताल का असर से आम-जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होता दिख रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी इसके लिए पूरी तरह से सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं।बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से कई मोहल्लों में लोगों को पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है और लोग नलों का सहारा लेते नजर आए। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि 14 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इसके लिए पूरी तरह से सरकार दोषी है। मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री के सलाहकार और एमडी के बीच समझौता भी हो चुका था पर एमडी देवराज तानाशाही रवैय्या अपना रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली कर्मचारियों का धरना शुक्रवार को भी लगातार जारी रहा। संयोजक पीयूष द्विवेदी ने कहा कि कई साल से बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लिखित समझौते के बाद भी मांगे नहीं मानी जा रही हैं। कहा कि संपूर्ण कार्य बहिष्कार जारी रहेगा, यदि इसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाएगी तो अनिश्चित कालीन हड़ताल की जाएगी। लगातार कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा रहा है। समझौते का पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि मजबूर होकर हड़ताल करना पड़ रहा है। दावा किया कि पूरे प्रदेश में लगभग 27 लाख और जनपद में करीब पांच हजार बिजली कर्मचारी हड़ताल में शामिल है। इस मौके पर अभियंता आशीष सिंह, राजेश श्रीवास, आनंद पाल, अनिल यादव, कांता प्रसाद, नीरज खरे, अमरेश पाल, लखन, राकेश, संजय, आलोक शर्मा, कमाल अहमद, रजनेश यदुवंशी, मोहनलाल, विजय, एजाज रसूल, अतुल कुमार, संतोष, अजय, नरेंद्र, रवींद्र समेत तमाम अभियंता, कार्यालय सहायक, तकनीशियन, संविदा व नियमित कर्मचारी उपस्थित रहे।

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