इस्लाम बचाने में अहलेबैत की कुर्बानियां है शामिल  

THE BLAT NEWS:

जौनपुर। पंजतनी कमेटी द्वारा शनिवार की रात कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े में  बज्मे मुसालमा  हुआ। यह सालाना मजलिस के 25 साल होने के उपलक्ष्य में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ था।मौलाना शेख हसन जाफर ने हदीसे किसा से इसका आगाज किया। मोहम्मद हसन नसीम ने इमामबाड़ा के चमत्कार के बारे में बताया कि 9 मोहर्रम 1980 को यहाँ मौला के कदम आये थे। यहाँ की मिट्टी में अजब सी खुशबू थी यही वजह थी कि पूरे देश से लोग यहाँ दर्शन करने वालो का तांता लगा रहा, और प्रत्येक रविवार को शाम को मजलिसों  का जो सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी कमेटी द्वारा जारी है। अलविदाई तकरीर में मौलाना गुलाम अली खान हरिद्वार ने कहा कि आज अहलेबैत के चाहने वाले इस इमामबाड़ा की तामीर में जुटे है क्योंकि इस्लाम आज जो पूरी दुनिया में फैला है उसमें अहलेबैत की कुर्बानियां शामिल है। यजीदी हुकूमत ने इसे खत्म करने की  जब कोशिश की तो हजरत इमाम हुसैन ने अपने 71 साथियों के साथ कर्बला में शहादत देकर इस्लाम को बचाया । इससे पूर्व  मुसालमा  में शायर ए अहलेबैत, अलताफ मारूफी, अजीम आजमी, तनवीर नौगोरी, हेजबा इमामपुरी, नातिक गाजी़पुरी, हसन फतेहपुरी, शोहरत जौनपुरी, इरफान, व मुंतजिर जौनपुरी ने अपने अपनेेेे कलाम पेश किया। संचालन मीसम रामपुरी ने किया। कमेटी द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया ।
कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े में  बज्मे मुसालमा को सम्बोधित करते मौलाना।

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