स्थापना दिवस पर संबोधित करते कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही।

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बांदा। बुन्देलखण्ड को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सभी का सामूहिक प्रयास जरूरी है। इस प्रयास से ही आर्थिक रोजगार एवं आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। कृषि क्षेत्र की जीडीपी 30 फीसद करने में सहभागिता जरूरी है। भूगर्भ जल को संरक्षित करने का प्रयास भविष्य के लिये करना आवश्यक है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अन्य फसलों के साथ केन-बेतवा नदियों के किनारे बांस, केला व औषधीय फसलों की खेती की सम्भावनाएं प्रबल है। यह बात कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 13वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि कृषि, शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कही।
कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कई क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर रहा है।  इसके लिये उन्होंने कुलपति और यहां के वैज्ञानिको की सराहना की। विश्वविद्यालय परिसर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षण कार्य शूरू करना प्राथमिकता में है। महाविद्यालय के खुलने से शिक्षा के साथ पशुओं का इलाज व अन्य सुविधाओं का लाभ यहां की जनता को मिलेगा। केन्द्र व राज्य सरकार बुन्देलखण्ड के विकास के लिये योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही हैं। बकरी, भेड़, मुर्गी तथा मधुमक्खी पालन कर अतिरिक्त आय पर ध्यान देना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में सासंद आरके सिंह पटेल ने कहा कि इस क्षेत्र में मोटे अनाज को उत्पादित कर देश को आपूर्ति करने कि क्षमता है। विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है। सभी वैज्ञानिक व कुलपति बधाई के पात्र है। हमीरपुर-महोबा के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन में छात्रों से आहवान किया कि रोजगार चाहे किसी क्षेत्र मे करें किंत वो अपने गांव में एक सफल कृषि मॉडल का विकास अवश्य करें। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि दिन प्रतिदिन विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आने वाले समय में कोई भी छात्र बेरोजगार न रहे इसके लिये हम सभी का प्रयास है। विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष अयोध्या सिंह पटेल, जिला संयोजक भाजपा संजय सिंह, डॉ.अजीत कुमार शासनी, डॉ.ज्ञानेन्द्र सिंह, सदस्य प्रबन्ध परिषद ममता मिश्रा, कुलसचिव डॉ.एस  सिंह, विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं एवं किसान उपस्थित रहे। कृषि मंत्री शाही विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ.आरके सिंह व सहायक प्राध्यापक डॉ.हितेश कुमार को उत्तम शोधकर्ता, सह प्राध्यापक डॉ.एके सिंह व सहायक प्राध्यापक, डॉ.सीएम सिंह को उत्तम शिक्षक के लिये पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कि विभिन्न प्रतियोगिताओ में विजय प्रतिभागियों को भी पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र वितरित किये गये।

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