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ममता को पाँच माह पहले ही जाँच में डॉक्टर ने तीसरी स्टेज का गॉलब्लैडर का कैंसर बताया है, साथ ही उन्हे पीलिया भी था। इस कारण ममता की स्थिति काफी गंभीर थी आयुष्मान कार्ड होने की वजह से उनका झाँसी के प्राइवेट अस्पताल में सुचारु रूप से इलाज चल पाया। अभी ममता को तीन कीमोथेरेपी दी जा चुकी हैं। स्थिति में पहले से काफी सुधार भी है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) द्वारा वर्ष 2022 में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 14.61 लाख लोग कैंसर से ग्रसित हैं। भारत में प्रत्येक 9 में एक महिला एवं पुरुष को उसके जीवन काल में कैंसर का खतरा होता है। अगर बात करें मृत्यु दर की तो कैंसर स्टेटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 63 प्रतिशत मृत्यु गैर संचारी रोगो की वजह से हो रही हैं। जिसमें 9 प्रतिशत का कारण कैंसर हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड़ा. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि पुरुषों को होने वाले कैंसर में सबसे अधिक 16 प्रतिशत मुंह के एवं लगभग 8 प्रतिशत फेफड़ो के कैंसर के मरीज होते हैं। वहीं महिलाओं में सबसे अधिक 26 प्रतिशत स्तन और 18 से 19 प्रतिशत सरवाईकल यानि गर्भाशय कैंसर के मरीज होते हैं। पिछले कई वर्षो में कैंसर के इलाज में काफी प्रगति हुई है। यदि कैंसर का पता शुरुआती समय में लगा लिया जाये तो इसका सफल इलाज उपलब्ध हैै। आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आशीष कुमार झा ने बताया कि आयुष्मान कार्ड सभी के लिए मददगार साबित हो रहा है। खासतौर पर कैंसर के मरीजों के लिए। बुंदेलखंड में कुल 10993 कैंसर मरीज आयुष्मान कार्ड द्वारा जनपद एवं बाहरी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ऐसे में जनमानस से अपील है कि जिनका आयुष्मान कार्ड अभी नहीं बना है वह अपने निकटतम स्वाथ्य केंद्र एवं जनसूचना केंद्र द्वारा आयुष्मान कार्ड जरुर बनवा ले। जिससे कि जरुरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। जिले में 2468 कैंसर मरीजों का आयुष्मान योजना के अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों में इलाज हुआ है।
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