प्रदेश में अगले कुछ दिन भारी बारिश को लेकर जारी चेतावनी के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को आपदा की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि आपदा की दृष्टि से जिओ टैगिंग के साथ तैनात जेसीबी को हर समय तैयार रखा जाए। आपदा संभावित स्थलों पर इनकी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए। ताकि बंद रास्तों को तुरंत खोला जा सके। लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न मार्गों पर कुल 396 मशीनों (जेसीबी, पोकलेन, रोबोट ) की तैनाती की गई है।
सीएम ने कहा-एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें किसी भी आपदा की स्थिति में कम से कम रेस्पोंस टाईम में बचाव व राहत कार्य के लिए पहुंचे। बारिश या भूस्खलन से सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कम से कम समय में आपूर्ति सुचारू की जाए। एनडीआरएफ की टीमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और झाझरा में तैनात किया है।
दुर्गम स्थलों में दूर संचार सुविधा के लिए एसडीआरएफ को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों और जनसामान्य से भी अपील की है कि भारी बारिश की सम्भावना को देखते हुए नदियों एवं बरसाती नालों की तरफ न जाए। सीएम ने कहा वर्षाकाल में राज्य के 69 खाद्यान्न गोदाम में सड़क मार्ग के बन्द होने की सम्भावना होती है। ऐसे सभी गोदामों में तीन माह का अग्रिम खाद्यान्न का उपलब्ध कराया जा चुका है।
कई स्तर पर निगरानी : सीएम ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा प्रत्येक जनपद में बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा देहरादून में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। सिंचाई विभाग द्वारा 23 स्थानों पर नदियां तथा 14 स्थानों पर बैराज का जलस्तर तथा डिस्चार्ज की निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड जल संस्थान के द्वारा भी कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है। यूपीसीएल भी सभी 13 जिलों में अबाधित विद्युत आपूर्ति के लिए प्रयासरत है। ऋषिकेश में गढ़वाल क्षेत्र का मुख्य स्टोर है और हल्द्वानी में कुमाऊं क्षेत्र का मुख्य स्टोर है,जहां पर समस्त सामग्री पहुंचाई जा चुकी है।