बीमा पालिसी के नाम पर देशभर में साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

 

फरीदाबाद, 14 मार्च (वेब वार्ता)। बीमा पालिसी जल्द मैच्योर करने और उसके ऊपर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर लोगों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश साइबर थाना पुलिस ने किया है। पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित दिल्ली से बैठकर इस गिरोह का संचालन कर रहे थे। यह गिरोह देशभर में साइबर ठगी की 242 वारदात कर चुका है। आरोपितों ने गांव तिगांव निवासी विनोद नाम के युवक को बीमा पालिसी जल्द मैच्योर करने का झांसा देकर 8.50 लाख रुपये हड़प लिए थे। इस मामले की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस आरोपितों तक पहुंची। एक यूपी का, बाकी दिल्ली के आरोपित

 

आरोपितों में मालवीय नगर दिल्ली निवासी रविदर कुमार, प्रेमनगर दिल्ली निवासी प्रदीप कुमार, मोहन गार्डन दिल्ली निवासी तरुण सिंह, बिदापुर दिल्ली निवासी अमित अग्रवाल, कुलपहाड़ महोबा यूपी निवासी शान मोहम्मद और शीरसपुर दिल्ली निवासी अशोक यादव शामिल हैं। इस मामले में दो आरोपित अभी फरार चल रहे हैं जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

 

साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि आरोपितों ने ठगी करने के लिए दिल्ली के जनकपुरी स्थित डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल एरिया में काल सेंटर बना रखा था। आरोपित किसी ब्रोकर से एलआइसी पालिसी धारकों का डाटा इकट्ठा कर लेते थे। इसके बाद पालिसी धारकों को एलआइसी का अधिकारी बनकर काल करते थे। पालिसी धारक को उनकी पालिसी की जानकारी देकर विश्वास में लेते थे। इसके बाद उनकी हाल में चल रही पालिसी से बेहतर पालिसी दिलाने की झूठी जानकारी देते थे और कम समय में ज्यादा मुनाफे का वादा करते थे। साइबर ठगों की इन लुभावनी बातों में आकर पालिसी धारक अपनी पुरानी पालिसी को बंद करके आरोपितों द्वारा बताई गई नई पालिसी को खरीदने के लिए तैयार हो जाता था अलग-अलग बहाने बनाकर ऐंठते थे रकम।

 

पालिसी धारक के तैयार होने के बाद आरोपित अलग-अलग बहाने बनाकर पीड़ित से मोटी रकम ऐंठ लेते थे। इसी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हुए फरीदाबाद के रहने वाले पीड़ित मनोज ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि आरोपियों ने इसी प्रकार उसके साथ 8.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है, जिसके बाद साइबर थाना में केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। इस मामले की जांच के लिए एसीपी क्राइम सुरेंदर श्योराण के निर्देश पर साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत के नेतृत्व में एसआइ बाबूराम, एएसआइ धर्मेंद्र व प्रमोद सहित अन्य की टीम का गठन किया गया। साइबर थाना पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर पूछताछ की।

 

पुलिस के अनुसार गिरोह में सबका काम बंटा हुआ था। इस गिरोह में अशोक, शान व अमित मुख्य आरोपित हैं। वहीं आरोपी रविद्र के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। प्रदीप, तरुण व अन्य आरोपितों के साथ मिलकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए एलआइसी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। साइबर थाना पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से वारदात में प्रयोग मोबाइल, सिम कार्ड, वाकी टाकी व 1.81 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। इस मामले में दो आरोपितों को पहले ही जेल भेज दिया गया। चार आरोपितों को अब जेल भेजा गया है।

 

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