हल्द्वानी: शादी करके ससुराल भी चली गई,फिर भी नहीं मिला गौरा कन्या योजना का लाभ

हल्द्वानी: राज्य के अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने गैर जिम्मेदार हैं, इसका पता गौरा कन्या धन योजना से मालूम चल जाता है। योजना में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को आगे की पढ़ाई आदि के लिए सरकार की ओर से 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है लेकिन जिले में कई बालिकाएं गेजुएशन व अन्य कोर्स करके नौकरी तक करने लगी हैं और कइयों की शादी तक हो चुकी है, इसके बावजूद उन्हें इस योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। कई बालिकाओं ने लाभ मिलने तक की उम्मीद तक छोड़ दी है।

शांति पांडे ने जीजीआईसी, दीलिया, हल्दूचौड़ से सन 2016 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी व इसके तुरंत बाद उन्होंने गौरा कन्या योजना में आवेदन कर दिया था लेकिन उन्हें आज तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। सन 2021-22 में वह शादी करके ससुराल भी चली गई हैं।

प्रेमा जोशी की दो बेटियां हैं लेकिन एक को भी अब तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। वह बताती हैं कि उनकी बेटी ज्योति जोशी ने फूलचौड़ स्कूल से साल 2021 में और दूसरी बेटी पूजा जोशी ने सन 2023 में 12वीं करने के बाद योजना में आवेदन कर दिया था लेकिन आज तक दोनों लाभ से वंचित हैं।

हल्दूचौड़ की भाविका शर्मा बताती हैं कि उन्होंने कई बार योजना में आवेदन कर दिया, फिर से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई। इसी तरह कई बार आवेदन के बावजूद योजना का लाभ न मिलने पर साल 2017 में 12वीं कर चुकीं कविता दुम्का ने अब मदद मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी है। वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहती हैं कि अब तक सहायता नहीं मिली, अब क्या मिलेगी।

बालिकाओं के परिजन बताते हैं कि अधिकारियों के अव्यवहारिक रवैये के कारण जिले में लाखों बालिकाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पाया। वे कहते हैं कि अधिकारियों का उद्देश्य अधिक से अधिक बालिकाओं को योजना का लाभ दिलाने की बजाए बेमतलब में परेशान करना है।

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