ऋषिकेश । नगर निगम ऋषिकेश चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने अपने-अपने पार्षद पद के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इसके बाद दोनों पार्टियों में आंतरिक कलह और विरोध के सुर तेज हो गए हैं। दोनों ही दलों के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता अपनी उपेक्षा से नाराज होकर बगावत के मूड में हैं।शनिवार देर रात जारी की गई सूची ने जहां भाजपा में हड़कंप मचा दिया, वहीं कांग्रेस में भी असंतोष की लहर दौड़ गई। वर्षों से पार्टी के प्रति वफादारी निभाने वाले कई कार्यकर्ता अब विरोधी रुख अपना रहे हैं। इनमें से कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
भाजपा कार्यकर्ताओं में रोषभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट ने कहा कि कार्यकर्ताओं के रोष को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि असंतोष दूर करने के लिए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक टीम गठित की गई है, जो नाराज कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही है। भट्ट ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलेंगे। प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार किया जा रहा है और आज शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
कांग्रेस में भी खींचतानदूसरी ओर, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष राकेश मियां ने कहा कि पार्टी ने अब तक 30 प्रत्याशियों की सूची जारी की है और शेष 10 की घोषणा आज शाम तक होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जीतने की क्षमता रखने वाले और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को टिकट दिए हैं। एक-दो वार्डों को छोड़कर सभी जगह पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी।
मनोबल बढ़ाने में जुटी दोनों पार्टियांदोनों पार्टियों ने कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों की कोशिश है कि आंतरिक कलह को शांत कर चुनावी मैदान में मजबूती से उतरा जाए। ऋषिकेश नगर निगम चुनाव में राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों दल अपनी एकजुटता साबित कर पाते हैं या यह असंतोष चुनाव परिणामों पर असर डालेगा।