219 करोड़ का लोन मिलते ही चम्पू ने छोड़ दी डेवलप कंपनी

THE BLAT NEWS;                      इंदौर। कालिंदी गोल्ड आसैर फिनिक्स टाउनशिप के पीडि़तों को उनका हक हनीं मिला है। दूसरी तरफ सेटेलाइट हिल्स में भी जीवनभर की पूंजी लगाने वालों को प्लॉट के कब्जे का इंतजार है। इस कॉलोनी में रितेश अजमेरा चम्पू और योगिता अजमेरा की जोड़ी ने न सिर्फ प्लॉटधारकों को ठगा बल्कि कर्जे के नाम पर बैंक को भी 200 करोड़ का झटका। यह कर्ज चम्पू की उसी नारायण एंड अंबिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. ने लिया था जिसके माध्यम से सेटेलाइट हिल्स का कथित डेवलपमेंट किया गया। जिस जमीन पर सेटेलाइट हिल्स है वह 2006 में रजिस्टर्ड हुई एक्लांच रियलिटी प्रा.लि. की रही है। जिसे शुरुआती सर्वेसर्वा नितेश चुघ और महेशकुमार वाधवानी थे। 13 जनवरी 2020 को नेहा सोनी ने तेजाजीनगर थाने में 20.05 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में चम्पू और योगिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जमानत आवेदन में अजमेरा दंपत्ति ने कोर्ट में बताया था कि उनका सेटेलाइट समूह से कोई लेना-देना नहीं है।Image result for  (इंदौर) 219 करोड़ का लोन मिलते ही चम्पू ने छोड़ दी डेवलप करने वाली कंपनीहमारी तो नारायण एंड अम्बिका इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. थी और हमने अनुबंध के अनुसार सिर्फ कॉलोनी का विकास किया। 30 जून 2005 को पंजीबद्ध इस कंपनी चम्पू 21 मार्च 2009 तक डायरेक्टर रहा जबकि योगिता 17 मई 2010 तक। अभी कंपनी में भगवानदास होटवानी और पवनकुमार गर्ग संचालक हैं। 20 अप्रैल 2009 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इसी कंपनी को 219.00 करोड़ का लोन मंजूर किया था। एक करोड़ की अर्थराइज्ड शेयर केपिटल और दस लाख की पेडअप केपिटल वाली इस कंपनी ने तीन साल दस महीने में ऐसा क्या करके देखा था कि उसे 219 करोड़ का लोन मिल गया? इसका जवाब तो एसबीआई के अधिकारियों के पास भी नहीं है। उन्होंने तो कंपनी और कर्ताधर्ताओं का साथ दिया। इसीलिए आज तक लोन की रिकवरी के लिए तगादा तक नहीं किया

Check Also

हमारे किसानों की मेहनत का परिणाम है कि यूपी देश में खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर है : मुख्यमंत्री

The Blat News, Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का हृदय …