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बांदा । आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन (एनसीआरएमयू) ने जिले के ट्रेड यूनियनों व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ संयुक्त बैठक कर 21 मार्च को प्रस्तावित आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति तय की। प्रस्तावित आंदोलन में राज्य कर्मचारियों से बढ़चढ़कर भागीदारी का आह्वान किया गया।पुरानी पेंशन बहाली के लिए रेलवे कर्मचारी 21 मार्च को आंदोलन करेंगे। रैली निकाल कर कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा जाएगा। इसी कड़ी में रविवार को स्टेशन परिसर स्थित एनसीआरएमयू कार्यालय में रेल कर्मचारियों और राज्य कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से बैठक कर आंदोलन को सफल बनाने के लिए चर्चा की। बैठक में शामिल जिला ट्रेड यूनियन से संबद्ध संगठन के पदाधिकारियों ने हजारों कर्मचारियों की उपस्थिति का आश्वासन दिया। एनसीआरएमयू शाखा अध्यक्ष जेके वर्मा ने कहा कि रेलवे सहित देश की अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने नहीं देंगे। उन्होंने बैठक में उपस्थित राज्य कर्मचारियों से संघर्ष में शामिल होने और देश की संपत्ति को बचाने की अपील की।
कहा कि रेलवे का निजीकरण कर सरकार स्टेशन पर चाय बेचने वाले से लेकर आवाम के ऊपर कुठाराघात की है। निजी कंपनियों द्वारा 109 रूटों पर 151 जोड़ी ट्रेन चलाने, रेलवे की जमीन, उत्पादन इकाइयों के साथ अनुरक्षण वर्कशॉप को निजी हाथों में बेचने, रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर करने आदि के फैसले को मोदी सरकार ने वापस नहीं लिया। शाखा सचिव पीके सिंह ने कहा कि कर्मचारी नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) को समाप्त कर पुरानी पेंशन (ओपीएस) को बहाल कराने तक संघर्ष करने पर अड़े हैं। पुरानी पेंशन कर्मचारी के बुढ़ापे का सहारा है। कर्मचारी इसे हर हाल में लेकर रहेंगे। एआईआरएफ के बैनर तले कर्मचारी इन सभी मुद्दों पर एकजुट होकर संघर्ष करेंगे। बैठक में शामि संगठन पदाधिकारियों ने रैली व धरना-प्रदर्शन में हजारों कर्मचारियों की उपस्थिति का आश्वासन दिया। इस मौके वीरेंद्र सिंह पटेल, जयनारायण श्रीवास, रामगोपाल वर्मा, मनोज वर्मा, सुरेश कुमार, राज सिंह समेत रेल कर्मचारी वीरेंद्र चतुर्वेदी, श्यामेंद्र गुप्ता, डीके पांडेय, जसवंत, तौहीद अहमद, संजय कुशवाहा, प्रेमपाल पांडेय, सुनील कुमार, ताराचंद्र आदि उपस्थित रहे।
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