द ब्लाट न्यूज़ । कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अतिरिक्त आय के लिए किसानों से मधुमक्खी पालन पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश की लगभग 55 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, जिनकी प्रगति से ही वह एक विकसित राष्ट्र बन सकेगा। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश में मीठी क्रांति लाने के लिए सरकार बहुत गंभीरता से काम कर रही है। श्री तोमर ने यहां एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, साथ ही जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, बांदीपोरा और जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, महाराष्ट्र के पुणे और उत्तराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशाला एवं प्रसंस्करण इकाइयों का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इस अवसर पर संवाद के दौरान विभिन्न राज्यों के मधुमक्खीपालक किसानों ने कहा कि इस अतिरिक्त कार्य से उनकी आमदनी काफी बढ़ी है। कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे किसानों को सशक्त करना सरकार का लक्ष्य है, जिसे हासिल करने में मधुमक्खीपालन जैसे कृषि के सह-कार्यों का काफी योगदान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत की लगभग 55 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, जिनकी प्रगति से ही हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बन सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में मीठी क्रांति लाने के लिए सरकार बहुत गंभीरता से काम कर रही है।
केंद्र सरकार ने देश में विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं स्थापित की है, राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन नामक केंद्रीय वित्त पोषित योजना द्वारा पांच बड़ी क्षेत्रीय एवं 100 छोटी शहद तथा अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य है, जिनमें से तीन विश्वस्तरीय अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं खोली जा चुकी हैं, वहीं मंजूर 25 छोटी प्रयोगशालाएं स्थापना प्रक्रिया में हैं। कोशिश है कि छोटे किसानों को शहद परीक्षण के लिए दूर नहीं जाना पड़े। प्रसंस्करण इकाई स्थापना के लिए भी केंद्र सरकार सहायता दे रही है। देश में सवा लाख टन से अधिक शहद उत्पादन हो रहा है, जिसमें से 60 हजार टन से ज्यादा प्राकृतिक शहद का निर्यात किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम कैसे अपने शहद की गुणवत्ता बढ़ाकर दुनिया के बाजार को कवर कर सकें, इस दिशा में सरकार और राज्य सरकारों की तो तैयारी है, वैसी ही गतिशीलता की अपेक्षा शहद उत्पादक किसानों और अन्य संबंधित लोगों से भी है। श्री तोमर ने कहा कि श्री मोदी जब गुजरात में मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात के विकास में नए आयाम स्थापित किए, उनकी सरकार गुजरात में भी गरीब और किसान केंद्रित रही, जो संवेदनशील एवं मानवीयता से ओतप्रोत थी। गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास, किसानों को सिंचाई के साधनों की पर्याप्त उपलब्धता की दृष्टि से मोदी जी के नेतृत्व में गुजरात ने श्रेष्ठ कार्य किया और सफलता पाई। उनके द्वारा लाए गए गुजरात राज्य के विकास माडल की खूब चर्चा होती रही है।
श्री तोमर ने बताया कि सेंट्रल हाल में श्री मोदी ने अपने पहले भाषण में कहा था कि उनकी सरकार गरीब और किसान केंद्रित होगी। श्री तोमर ने कहा कि देश में गैर बराबरी समाप्त होना चाहिए, यह समय की आवश्यकता है, गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव लाना भी आवश्यक है लेकिन हमारी सरकार का यह सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि मैदानी रूप से इस दिशा में ठोस कार्य भी किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक कार्यक्रमों और योजनाओं की संरचना की है। श्री मोदी ने जन-धन खाते खोलने की बात कही थी तो कुछ लोगों ने उपहास उड़ाया था लेकिन मोदीजी ने परवाह नहीं की। वे जानते थे कि 43 करोड़ से अधिक लोग आजादी के बाद भी बैंकिंग सिस्टम से नहीं जुड़े है तो यह स्थिति हमारे देश को कभी विकसित राष्ट्र नहीं बनने देगी। ये खाते जीरो बैलेंस पर खोले गए, जिनमें 1.46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गरीबों ने जमा किए, इतनी बड़ी राशि बैकिंग सेक्टर में आई, जिससे देश की ताकत बढ़ी।