द ब्लाट न्यूज़। एमएलसी चुनाव के लिए जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के नामांकन पर भारत निर्वाचन आयोग का भी फैसला भी आ गया। उनके नामांकन को वहां से हरी झंडी मिल गई। इससे साफ है कि अब अक्षय प्रताप एमएलसी चुनाव में प्रत्याशी बने रहेंगे।
सजा सुनाए जाने के दूसरे रोज मिली थी जमानत
विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र) के चुनाव में कुल छह प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा से पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह, सपा से विजय कुमार एवं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अक्षय प्रताप सिंह हैं। वहीं निर्दल प्रत्याशियों में एमएलसी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह की पत्नी मधुरिमा सिंह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. केएन ओझा व राजेंद्र मौर्या हैं।
इसमें जनसत्ता दल प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में कोर्ट ने 15 मार्च को दोष साबित किया था, 22 मार्च को तलब किया, सुनवाई के बाद कस्टडी में जेल भेज दिया गया। इसी क्रम में 23 मार्च को सात साल की सजा सुनाई गई थी और जेल भेज दिए गए थे। वहीं 24 मार्च को इस पर सुनवाई करते हुए प्रभारी जिला जज व एडीजे संतोष कुमार ने दो लाख के पर्सनल बांड व दो-दो लाख के जमानतदार दाखिल करने पर अक्षय की जमानत मंजूर करते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा व दंडादेश का क्रियान्वयन अपील लंबन अवधि तक के लिए स्थगित कर दिया।
जिला निर्वाचन अधिकारी सह जिलाधिकारी डाॅ. नितिन बंसल ने कोर्ट के आदेश की प्रति भारत निर्वाचन आयोग को संदर्भित की थी, ताकि वहां से एमएलसी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के नामांकन के संबंध में निर्देश मिल सके। जिला निर्वाचन अधिकारी डा. नितिन बंसल ने बताया कि इस प्रकरण में भारत निर्वाचन आयोग का निर्णय आ गया है। आयोग ने कोर्ट के आदेश के आधार पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के नामांकन को वैध घोषित किया है। यानी अब अक्षय प्रताप एमएलसी चुनाव में उम्मीदवार बने रहेंगे।