नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पुरानी खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सवाल किया कि जब UPA-2 के मुकाबले NDA सरकार में मुस्लिम बच्चों को अधिक छात्रवृत्ति मिली है तो फिर नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी कैसे हैं? बता दें कि साल 2019 में द प्रिंट वेबसाइट पर छपी खबर में इस बात का उल्लेख किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार के दूसरे कार्यकाल के मुक़ाबले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अधिक अल्पसंख्यक छात्रों को शिक्षा छात्रवृत्ति दी गई थी। द प्रिंट की रिपोर्ट में बताया गया था कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 20 लाख ज्यादा अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति मिली थी। 2014 से 2019 के बीच 3.14 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई थी, वहीं मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2009 से 2014 के बीच ये आंकड़े 2.94 करोड़ विद्यार्थियों को इसका फायदा मिला था। उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय, छह समुदायों को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए मान्यता देते हैं, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदाय के विद्यार्थी शामिल हैं।
More Muslims got govt scholarships under Modi govt than during Congress-led UPA-2 https://t.co/CUFlr50B2Z Then why call Modi as anti Muslim?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 30, 2021
जैनों को 2014 में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था। अल्पसंख्यकों में सबसे बड़ा समूह मुस्लिमों का है। द प्रिंट द्वारा एक्सेस और तुलना किए गए वार्षिक मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 2014-2019 के बीच शिक्षा छात्रवृत्ति पर 8,715.4 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2009-2014 में UPA के शासन के समय 5,360.4 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।