–राजीव जोशी- श्राद्ध पक्ष सोमवार से शुरू हो गया है, यह छह अक्टूबर तक चलेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके तर्पण के निमित्त श्राद्ध किया जाता है। यहां श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करने से है। हिंदू …
Read More »विचार
दुनिया भर के देशों को निवेश के लिए आकर्षित करता भारत
डॉ. मयंक चतुर्वेदी- आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को विपक्ष द्वारा लगातार कटघरे में खड़ा करने का प्रयास होता रहा है। इसके उलट वास्तविकता यह है कि पिछले सात साल के दौरान जिस तेजी के साथ भारत ने अर्थ से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र में विकास किया है, वह …
Read More »अन्ततः कौन उड़ायेगा एयर इंडिया
आर.के. सिन्हा- सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को कब्जा करने के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह ने अपने –अपने दावे पेश किये हैं। अजय सिंह एक तरह से टाटा ग्रुप के आगे डटकर खड़े हो गए हैं। वे खुली चुनौती दे रहे हैं टाटा ग्रुप …
Read More »वैयक्तिक स्वतंत्रता और अमरीका
-भरत झुनझुनवाला- अमरीका और भारत समेत अन्य पश्चिमी देशों द्वारा तालिबान की भत्र्सना यह कहकर की जा रही है कि उनके द्वारा वैयक्तिक स्वतंत्रता विशेषकर महिलाओं की स्वतंत्रता का आदर नहीं किया जाता है और वे लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीय मूल्य को नहीं मानते हैं। इसमें कोई संशय नहीं कि …
Read More »जैन दस लक्षण धर्म विशेष उत्तम संयम करें मन का दिशा दर्शन
-विजय कुमार जैन- नदी को सागर तक की यात्रा के लिये किनारों का बंधन स्वीकार करना अनिवार्य है। इसी बंधन का नाम संयम है। जीवन की धारा को एक निश्चित दिशा और नियंत्रित वेग में प्रवाहित करने का नाम है संयम। अपने मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखकर जीवन …
Read More »जन-जन में लोकतंत्र के प्रति आस्था पैदा हो
-ललित गर्ग- लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें किसी भी देश के नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करके एक प्रतिनिधि को चुनते हैं। लोकतंत्र का मतलब होता है, न कोई राजा और न कोई गुलाम, इसमें सब एक समान हैं। हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। …
Read More »बच नहीं सकता यूएस
-सिद्वार्थ शंकर- अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कह रहे हैं कि जो भी हालात हैं, उसके लिए अशरफ गनी से सवाल किया जाना चाहिए। एक बारगी उनकी बात सही भी है, मगर क्या इतना भर कह देने से उनकी जबावदेही बच जाती …
Read More »धधक रहे जंगल
-सिद्वार्थ शंकर- इस वक्त दुनिया के कई देशों में जंगल धधक रहे हैं। इससे तो लगता है कि आग की ये लपटें कहीं बहुत जल्दी शहरों को भी लपेटे में न लेने लगें। अमेरिका, कनाडा हो या फिर दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के देश या फिर तुर्की जैसे देश, जंगलों की …
Read More »आजाद भारत में पाश्चात्य संस्कृति के गुलाम
-विजय कुमार जैन- सैकड़ों वर्षो की अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजाद कराने हजारों भारत माता के सपूतों ने स्वाधीनता आन्दोलन चलाया। जेलों अमानवीय यातनायें सही और शहीद हुए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चले अहिंसक आन्दोलन ने अंग्रेजों को मजबूर कर दिया कि भारत को आजाद करना …
Read More »दागी राजनीति कब होगी बेदाग ?
-प्रभुनाथ शुक्ल- राजनीति में शुचिता का सवाल सबसे अहम मसला है। बेदाग छवि के राजनेता और चरित्र की राजनीति वर्तमान दौर में हाशिए पर है। टीवी का वह विज्ञापन भारतीय राजनीति पर सटीक बैठता है कि ‘दाग अच्छे हैं।’ देश में यह मुद्दा चर्चा का विषय रहा है कि राजनीति …
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