दे दी है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सशर्त जमानत देते हुए आशीष मिश्रा को लखनऊ में रहने की इजाजत दी लेकिन वह लखीमपुर खीरी नहीं जा सकेंगे। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई की एक तिथि को कम से कम पांच गवाहों के बयान दर्ज होने चाहिए।
आज सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि अब आशीष मिश्रा के पिता सांसद नहीं हैं, ऐसे में अब जांच प्रभावित होने की आशंका नहीं है। तब कोर्ट ने कहा कि पिता सांसद हों या नहीं, वे प्रभावशाली हैं। पहले की जमानत शर्तों के मुताबिक आशीष मिश्रा दिल्ली और यूपी नहीं जा सकता था लेकिन अब उन शर्तों में संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखनऊ में रहने की इजाजत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी 2023 को आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना से जुड़े दूसरे केस में बंद चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दी थी, जिन पर घटना के बाद पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार ने किसी भी तरह से ट्रायल को प्रभावित करने की कोशिश की तो जमानत रद्द कर दी जाएगी।
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एसआईटी आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाकर 3 जनवरी 2021 को लखीमपुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।