बैंक ने बांटे 470 करोड़ रुपए के ऋण….
नई दिल्ली। सरगुजा संभाग में बीते वर्ष कृषि कार्य के लिए ऋण लेकर ऋण की अदायगी न करने वाले किसानों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बीते वर्ष सर्वाधिक 22 हजार 693 रही है और अब ऐसे डिफाल्टर किसानों की संख्या बढ़कर साढ़े 34 हजार हो गए है. सहकारी बैंक को अब इन डिफाल्टर किसानों से 212 करोड़ रुपए की वसूली करनी है. सरगुजा में इस बार पंजीकृत किसानों का कुल रकबा बढ़कर दो लाख 66 हजार हो गया है. खरीफ वर्ष 2023-24 में संभाग में पंजीकृत किसानों की संख्या 25 हजार 189 बढ़कर दो लाख पांच हजार हो गई. इस बार संभाग के एक लाख 17 हजार किसानों को 470 करोड़ रूपए का ऋण दिया गया है. संभाग के 153 समितियों में खरीदी की तैयारी तो हो चुकी है, लेकिन आज दूसरे दिन भी किसी भी खरीदी केंद्र में किसानों के पहुंचने की जानकारी नहीं है.
माह के आखिरी सप्ताह में आ सकती है तेजी
धान खरीदी को लेकर सभी समितियों में आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है, लेकिन सरगुजा संभाग के लगभग सभी जिलों में धान की कटाई में तेजी नहीं आ सकी है. मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते खेती में पिछड़े किसानों की उपज निकलने में भी इस बार देरी हो रही है. सामान्य तौर पर कटाई पूरी होने के बाद भी हफ्ता दस दिन का समय धान को खरीदी केंद्र तक पहुंचाने में लगता है. ऐसी स्थिति में अनुमान है कि नवंबर माह के आखिरी सप्ताह तक धान कटाई का कार्य लगभग पूरा होने के बाद धान की खरीदी में तेजी आ सकती है.
6 हजार पंजीयन निरस्त के बावजूद बढ़े किसान
संभाग के सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया और एमसीबी जिले में पिछले वर्ष लगभग छह हजार किसानों को पंजीयन निरस्त किया गया है. जिसमें सरगुजा में 1295, बलरामपुर में 2255, सूरजपुर में 1758, कोरिया में 543 और एमसीबी में 376 किसानों का पंजीयन निरस्त हुआ है. किसानों की संख्या बढ़ने का कारण एकल खाते का पंजीयन निरस्त होना और खातेदार के बटवारे को भी माना जाता है. क्योंकि हर वर्ष किसानों का पंजीयन निरस्त होते है लेकिन दो से तीन गुना नए किसान बढ़ जाते है.