जौनपुर: वर्षा न होने के कारण किसानो को अपने धान की फसलों को सूखने से बचाने के लिए मंहगे डीजल व पैट्रोल खर्च कर फसलों को बचाने का प्रयास जारी है। मंहगे डीजल पैट्रोल किसान क्रय कर खेतोँ की सिंचाई करने मे निरंतर लगे हुए है ताकि फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सके,प्रयासरत किसान सूखा पड़ने की आशंका से भय भीत भी दिखाई देते है! बारिश के अचानक रुकने के कारण उचास मैदानी क्षेत्रों मे फसलों को सूखने से बचाने के लिए किसानो द्वारा निरंतर पंपिंग सेट का सहारा लेना पड़ रहा है!किसानो का मानना है की वर्षा का यही हाल रहा तो धान की खेती पूरी तरह किसानो के लिए घाटे का सौदा होगी मंहगे डीजल को खर्च कर धान की फसलों को कुछ हद तक बचाया जा सकता है, लेकिन उसे एक अच्छी फसल के रूप मे काटा नहीं जा सकता!जो हम किसानो के लिए पूरी तरह घाटे का सौदा होगी!क्यूंकि उनपर गिरे खर्च अधिक होंगे जो हमें भविष्य मे खर्च के अनुपात से मूल्य नहीं मिलेंगे!जब की निचले भू भाग) मे पानी तो है लेकिन वर्षा ना होने के कारण फसलों मे भिन्न प्रकार के रोगों से हम किसान परेशान है! फसलों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए मंहगी दवाओं का छिड़काव भी हमारी फसलों की कीमतों पर प्रतिकूल असर डाल रहा है!नहरों मे पानी तो आरहा है लेकिन उस पानी का लाभ नहरों से सटे किसान तो बखूबी उठा रहे है, लेकिन वही नहर अपने अंतिम छोर के किसानो को पानी पहुंचाने मे विफल है!बारिश ना होने के कारण सूखे की चपेट मे आरहे किसानो के चेहरों का रंग भविष्य की चिंताओं को लेकर फीका पड़ता जा रहा है!जो साफ झलक रहा है!एक तरफ मंहगी जुताई, बुवाई, उर्वरा, दवाई, अब मंहगे डीजल खर्च कर खेतोँ की सिचाई ऊपर से कर्ज का भार, वर्षा का ना होना आदि को लेकर किसान काफी चिंतित है! इन विकट परिस्थितियों से गुजर रहे किसानो के लिए सरकारें कौन सी राहत समय रहते देने वाली है! ए सरकारें जाने अथवा समय बताएगा फिलहाल किसान वर्षा और मंहगे संसाधनों को लेकर काफी परेशान है!
फोटो 04जेएनपी।
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