THE BLAT NEWS:
जगदलपुर। अब तक माना जा रहा था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के भरोसे अरुणोदय करने वाली है, मगर अब राज्य के लिए पार्टी ने रणनीति बदल दी है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को चुनावी रणनीति बनाने, जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश के लिए फ्री हैंड मिल गया है। विधानसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे में प्रदेश अध्यक्ष श्री साव की राय को महत्व तो दिया जाएगा, मगर अंतत: होगा वही, जो श्री माथुर और श्री जामवाल चाहेंगे। श्री माथुर को जहां आदिवासी बहुल संभागों में कार्यकत्र्ताओं की नब्ज टटोलने की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं मैदानी जिलों की जवाबदेही श्री जामवाल को सौंपी गई है।
भाजपा की चुनावी रणनीति की तस्वीर अब धीरे धीरे साफ होने लगी है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए चेहरे भी तलाशे जाने लगे हैं। भाजपा के केंद्रीय स्तर के संगठन – शिल्पी ओम प्रकाश माथुर और अजय जामवाल को छत्तीसगढ़ के किए संगठन की स्वतंत्र जवाबदारी दी गई है। ये अलग बात है कि छत्तीसगढ़ का रिमोट कंट्रोल दिल्ली में बैठे पार्टी नेतृत्व के हाथों में है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावों की पूरी रणनीति केंद्रीय भाजपा कार्यालय नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर के 9 सफदरजंग लेन तुगलक रोड नई दिल्ली स्थित बंगले में बन रही है। इन्हीं दोनों जगहों से छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर विजय पताका फहराने की रूपरेखा तैयार करने की जद्दोजहद चल रही है। मानसून के पहले बस्तर संभाग के 12 विधानसभा क्षेत्रों का अंतिम मूल्यांकन करने प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर 28 मई से हेलीकाप्टर के जरिए बस्तर संभाग के दौरे पर हैं। उनका यह दौरा 31 मई तक चलेगा।
संतोष पाण्डेय की रहेगी अहम भूमिका:
ओम माथुर द्वारा बस्तर संभाग के विधानसभा क्षेत्रों में ली जा रही बैठकों में जमीन पर भाजपा के चेहरे, भाजपा के कार्यकर्ताओं की मानसिकता और चुनाव की रणनीति भविष्य में कैसी हो, इसका खाका तैयार किया जा रहा है। भाजपा के बस्तर संभाग प्रभारी एवं राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बेहद करीबी माना जाता है। श्री पाण्डेय बस्तर संभाग का लगातार दौरा करते आ रहे हैं। उन्होंने कार्यकत्र्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है। वे ओम माथुर के दौरे में भी साथ रहे हैं। इस लिहाज से बस्तर संभाग की सभी सीटों के लिए प्रत्याशी चयन में संतोष पाण्डेय की भी अहम भूमिका हो सकती है। अगर पार्टी के प्रदेश प्रभारी और पार्टी नेतृत्व, संभाग प्रभारी संतोष पाण्डेय की सलाह लेते हैं, तो यह भाजपा के लिए फायदे का सौदा ही साबित होगा और ओम माथुर को भी जिताऊ प्रत्याशी चयन में सहूलियत होगी।
जगदलपुर – अंतागढ़ में टकराव ज्यादा:
बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर से पूरी सूचनाएं प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर रायपुर और नई दिल्ली केंद्रीय भाजपा कार्यालय पहुंच रही हैं। अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार चेहरे पहचानने और पार्टी के स्थानीय नेताओं कार्यकत्र्ताओं के बीच आपसी सामंजस्य बिठाने के लिए ओम माथुर पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। वहीं एक खबर यह भी सामने आई है कि जगदलपुर सीट और अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र पर पार्टी विशेष रूप से फोकस कर रही है. क्योंकि इन दोनों सीटों पर ही आपसी टकराहट ज्यादा देखने को मिल रही है। जगदलपुर और अंतागढ़ क्षेत्र के नेताओं को निकट भविष्य में रायपुर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में तलब किया जा सकता है। ओम प्रकाश माथुर जहां बस्तर संभाग में प्रत्याशी चयन और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए मंथन कर रहे हैं, वहीं मैदानी जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी इसी रणनीति के तहत सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।
किनारे लगाए गए 15 वर्षीय कार्यकाल वाले चेहरे:
छत्तीसगढ़ के 15 वर्षीय भाजपा शासनकाल के वे सभी चेहरे और वर्तमान प्रदेश भाजपा संगठन से जुड़े रहे नेता अब लगभग मुखौटा बनाकर रख दिए गए हैं। पूरी रणनीति नई दिल्ली में तैयार हो रही है। अब तो यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि विधानसभा चुनावों में सामूहिक सहमति के आधार पर प्रत्याशी मैदान पर उतारे जाएंगे और छत्तीसगढ़ में पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।
बस्तर की सात सीटों पर उतारे जाएंगे नए चेहरे:
बेदाग चेहरों की तलाश के लिए जबरदस्त आंतरिक मंथन चल रहा है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अंदरखाने बारीकी से अध्ययन करके भविष्य में भाजपा संगठन के शिल्पी नेताओं के साथ बैठक कर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दे सकता है। बस्तर संभाग की बारह में से सात विधानसभा सीटों पर नए और बेदाग चेहरों को मैदान पर उतारा जा सकता है। ये सीटें हैं जगदलपुर, बस्तर, अंतागढ़, नारायणपुर, कोंटा, भानुप्रतापपुर और केशकाल। इन सभी सीटों पर नए और निर्विवाद छवि वाले नेताओं पर भाजपा दांव लगा सकती है। जगदलपुर सीट पर कांग्रेस पार्टी का झंडा बुलंद कर चुके मौजूदा विधायक रेखचंद जैन का सामना करने के लिए भाजपा किसी बौने प्रत्याशी को मैदान पर हरगिज नहीं उतारेगी। जगदलपुर विधानसभा सीट के लिए भाजपा दमदार और बेदाग एवं निर्विवाद छवि वाले व्यक्ति की तलाश के लिए जमकर मशक्कत कर रही है।
बड़े आंदोलन के जरिए होगा चुनावी शंखनाद:
भाजपा का चुनावी शंखनाद एक बड़े आंदोलन के जरिए होगा। रणनीति के तहत जून माह में ही कोई बड़ा आंदोलन भाजपा कर सकती है। चुनाव की अंतिम रणनीति में भी मंथन कर आवश्यकता पड़ी तो बड़ा फेरबदल किया सकता है। अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के प्रभावशाली नेताओं को सामने लाकर पुराने और दागदार चेहरों को दूध में गिरी मक्खी की तरह बाहर करने की रणनीति पर भी भाजपा में काम चल रहा है।
बस्तर – संभाग के लिए खास रणनीति:
बस्तर संभाग में 10 जून के बाद मानसून आ जाता है और जब मानसून की विदाई होगी, तब तक छत्तीसगढ़ में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी और चुनावी नगाड़े बजने शुरू हो जाएंगे। सत्ता तक पहुंचने के लिए प्रवेश द्वार आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभागों को माना जाता है। इन दोनों संभागों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए बेहद असरकारी रणनीति बनाने में भाजपा कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है। 2018 के चुनावों में हुई करारी हार के कारणों पर भी पार्टी में मंथन किया जा रहा है। हार के पीछे के कारकों और नेताओं को भी लगभग किनारे कर दिया जाएगा।भाजपा हर हाल में इस बार सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है।
भूपेश के करीबी भाजपा नेताओं पर नजर:
केंद्रीय नेतृत्व, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री सहित प्रदेश प्रभारी इस बात पर भी मंथन कर रहे हैं कि पार्टी के कौन- कौन लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नजदीकी बनाए हुए हैं। आईबी सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई है।
लोक लुभावन होगा घोषणा पत्र:
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र और चुनाव अभियान समिति की घोषणा जून में हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के लिए घोषणा पत्र नई दिल्ली में ही तैयार होगा। केंद्रीय भाजपा कार्यालय में चुनाव घोषणा पत्र तैयार होगा। घोषणा पत्र में किसानों, आदिवासियों, युवाओं, बेरोजगारों, व्यापारियों के लिए प्रभावशाली और लोक लुभावन घोषणाएं शामिल की जा सकती हैं