मोदी का मंत्र शिवराज सरकार ;30 हजार की सेलरी पाने वाली निकली करोड़पति …?

THE BLAT NEWS:

भोपाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ‘सबका विकास सबका साथ “और शिवराज सरकार की कार्यशैली जिसकी  नीतिया तो अच्छी हैं परन नियत ठीक नहीं हैं ?इसके चलते शिवराज सरकार के कार्यकाल में 13 साल की नौकरी में जिसमें साडे ग्यारह  साल शिवराज सरकार के और डेड साल उस कमलनाथ की सरकार के जिसमें भ्रष्टाचार के चलते  में मप्र पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) हेमा मीणा के यहां लोकायुक्त के छापे के दौरान वह करोड़ों रुपये की आसामी निकली उक्त विभाग में पदस्थ जिसकी संविदा में नियुक्ति थी जिसने 13 साल जिसमें साढ़े ग्याहर साल शिवराज के और डेढ़ साल कमलनाथ सरकार में वह 30 हजार की वेतन पाने वाली हेमा मीणा अपनी बैतन से 232 प्रतिशत से अधिक की कमाई कर चुकी तो सवाल यह उठता है? कि निर्माण एजेंसियों में जिनमें लोक निर्माण विभाग प्रमुख है उसकी क्या स्थिति होगी जबकि उसके प्रमुख अभियंता भी अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को जपते हुए” सबका साथ सबका विकास ” को जपते हुए अपने पुत्र को आपन ही विमान में ठेका देकर कमाई में जुटै हुए हैं ?मप्र हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल में पदस्थ हेमा मीणा (संविदा) के लोकायुक्त द्वारा मारे गए छापे से यह तो साबित हो जाता है कि मोदी व शिवराज की नीतियों के चलते अकेले हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल जैसी संस्थाओं सहित प्रदेश की हर निर्माण कार्य एजेंसी में पदस्थ हर अधिकारी कमाई करने में लगा हुआ है ?जिसका उदाहरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सी एम हाऊस में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री निवास पर बनने वाली छोटी सी एनेक्सी बनाने के लिए छह करोड़ का इस्टीमेट देकर यह साबित कर चुके हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है ? इस छोटी से एनेक्सी के साढ़े छह करोड़ के इस्टीमेट को देकर स्वयं मुख्यंमत्री भी चकित हो गए थे? लेकिन उस अधिकारी को सीएम द्वारा छोड़े जाने के बाद भी प्रदेश के निर्माण कार्यों में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों में जो संदेश गया कि उसी का नतीजा है कि हेमा मीणा जैसे अदना से कर्मचारी अवैध कयाई करने में जुटे हूए हैं क्योंकि सरकार में बैठे जिम्मेदार बापू के तीन बंदरों की स्थिति में रहकर न बुरा सुन रहे हैं?, न बुरा देख रहे हैं और न ही बुरा बोल रहे है? मगर इस नीति के चलते अकेले लोक निर्माण विभाग में ही नहीं बल्कि सहकारिता विभाग के मंत्री जिन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री उमा भारती को छतरपुर के बड़ाबलहरा जैसे ग्राम में एक मडिय़ा में घेरकर उनके साथ अनहोनी होने करने की घटना से  चूकने का प्रसाद आज तक ग्रहण करते हुए सहकारिता विभाग की लुटिया डुबो रहे हैं तभी तो शिवपुरी जिलेही नहीं प्रदेश के सहकारी बैंकों में करोड़ों के घोटाले के मामले उजागर हुए पर अरविंद भदौरिया के भदावर का एक पंडित होने के नाते वह भी भदौरिया होने का लाभ सहकारिता मंत्री भदोरिया के विभाग मेंं बह रही भ्रष्टाचार की गंगौत्री में डुबकी लगाकर बैधडक शिवपुरी में करोड़ों के भ्रष्टाचार से कमाई गई आकूत संपत्ति जो की शिवपुरी जिले में सभी नहीं दिखाई दे रही है लेकिन जिले के अधिकारी और सहकारिता विभाग के अधिकारी बापू के तीन बंदरों की भूमिका अपनाकर उस भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई करने से आनाकानी कर रहे हैं मजे की बात तो यह है कि इस मामले में जिले के कलेक्टर को जब इस भ्रष्टाचार से अवगत कराने के लिये लोग फोन लगाते हैंImage result for मोदी का मंत्र शिवराज सरकार की कार्यशैली के चलते 30 हजार की सेलरी पाने वाली निकली करोड़पति ...?

तो कलेक्टर उनका फोन ही नहीं उठाते हैं ?और वह भ्रष्टाचारी खुलेआम घूम रहा है ऐसे प्रदेश में एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं जिसमें शिवराज सरकार की भ्रष्ट नीतियों के चलते कई भ्रष्टाचारियों को शिवराज सिंह ने अच्छे पदों पर बैठाकर उनको कमाई का भरपूर मौका दे रखा है जिनमें पर्यावरण विभाग के एक आईएएस अधिकारी भी हैं जो भ्रष्टाचार  में लिप्त होने के बाद भी सीएम ने उन्हें पर्यावरण विभाग में बैठा रखा है उनकी कार्यशैली के चलते प्रदेश में चाहे शराब फैक्ट्री हो या प्रदेश के राजनेताओं और अधिकारियों के साथ तमाम पूंजीपतियों के चलने वाले क्रेशरों से इस प्रदेश का प्रदूषण खराब हो रहा है लेकिन इसके बाद भी मुख्मयंत्री चुप क्यों हैं ? शायद यही वजह है कि संविदा नियुक्ति में सहायक यंत्री पद पर पदस्थ अदना सा कर्मचारी अपनी 13 साल की नौकरी में आकूत संपत्ति की मालिक बनकर बैठे हैं और उन पर न लोकायुक्त की नजर है और न किसी जांच एजेंसी की यदि सीएम अपनी नीतियों को छोड़कर इन निर्माण एजेंसी से जुड़े अधिकारियों के यहां छापे की कार्रवाई कराने का आदेश दें तो न जाने कितने औरकरोड़पति  निकलेगे ?लेकिन सीएम की कार्यशैली के चलते यह सब होना इस प्रदेश में संभव नहीं है? यही वह कारण है कि मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन भोपाल में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) हेमा मीणा के भोपाल, विदिशा और रायसेन स्थित ठिकानों पर गत दिवस लोकायुक्त ने छापा मारा। इस दौरान 30 हजार महीना वेतन पाने वाली सहायक यंत्री के पास अब तक करीब सात करोड़ रुपए की संपत्ति मिली। उसकी संपत्ति आय से करीब 232 प्रतिशत ज्यादा पाई गई। उसके घर से दस लाख का सोना और 70 हजार रुपए नकद भी मिले हैं। लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि मीणा के खिलापु 2020 में आय से अधिक संपत्ति के संबंध में शिकायत मिलने पर लोकायुक्त पुलिस ने केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि उसने अपने पिता रामस्वरूप मीणा के नाम पर ग्राम बिलखिरिया, भोपाल में 20 हजार वर्गफुट जमीन पर फॉर्म हाउस, घर आदि बना रखा है। भेपाल, रायसेन और विदिशा में भी उसने कृषि भूमि खरीदी। इसके अलावा उसके पास हार्वेस्टर, धान बुवाई मशीन, ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि उपकरण की जानकारी मिली। आय से अधिक संपत्ति मिलने पर उस पर अपराध धर्म कर विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, भोपाल से सर्च वारंट प्राप्त किया गया। इसके बाद डीएसपी संजय शुक्ला ने निर्देशन में बिलखिरिया स्थित अवास सहित तीन स्थानों पर सुबह छह बजे से सर्च कार्रवाई प्रारंभ की गई। व्यास ने बताया कि हेमा ने अपने घर में 30 लाख रुपए कीमत का एलईडी टीवी लगा रखा है। फार्म हाउस पर 65 से ज्यादा डॉग्स मिले हैं, जिसमं कई महंगे ब्रीड के हैं। गिर नसल की 70 गायें मिली। डॉग्स के लिए रोटी बनाने ढाई लाख रुपए की मशीन लगा रखी है। बड़े से गेरेज में धार समेत लग्जरी कारें खड़ी मिलीं बंगले के कर्मचारियों से बात रने के लिए वह वॉकी-टॉकी का उपयेाग करती हैं।1

Check Also

दूरस्थ अंचलों तक बेसिक लाइफ सपोर्ट की जागरूकता आवश्यक : राज्यपाल पटेल

भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा में फर्स्टऑवर अर्थात गोल्डन ऑवर …