भोपाल । मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मानसून अपनी विदाई से पहले प्रदेश में फिर से बारिश करने वाला है। अगले 3 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का दौर बना रहेगा। वहीं, अगले 24 घंटे में इंदौर-धार समेत 8 जिलों में तेज बारिश होने का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव हो गया है। वहीं, दो-तीन सिस्टम और एक्टिव हो रहे हैं। इस वजह से प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में बारिश का दौर चलेगा।
मौसम विभाग ने बताया कि, अगले 24 घंटे के दौरान झाबुआ, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, बैतूल, पांढुर्णा, बालाघाट में तेज बारिश का अलर्ट है। ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, गुना, नीमच और मंदसौर में तेज धूप खिली रहेगी। वहीं, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर समेत बाकी के जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनेगी।
मंगलवार से बारिश की एक्टिविटी तेज होगी। अगले 3 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। भोपाल में मौसम खुला रहेगा। दोपहर बाद गरज-चमक और हल्की बारिश हो सकती है। इससे पहले प्रदेश में सोमवार से तेज बारिश का दौर फिर शुरू हो गया। खंडवा में 46 मिमी यानी करीब दो इंच पानी गिर गया। देवास और उज्जैन में शाम को तेज बारिश हुई। वहीं, छिंदवाड़ा, बैतूल और धार में भी बारिश का दौर चला। इधर, पूर्वी हिस्से में गर्मी का असर देखने को मिला। छतरपुर जिले के खजुराहो में दिन का तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसी तरह टीकमगढ़ में 35.5 डिग्री, सतना में 35.1 डिग्री, गुना में 35.8 डिग्री और ग्वालियर में 35.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
वहीं, धार जिले के कुक्षी-बाग में दस दिन बाद सोमवार दोपहर को मौसम बदला। तेज हवा और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। इससे सड़कों पर पानी भर गया। छोटे नाले उफान पर आ गए। मौसम में ठंडक घुली और गर्मी से राहत मिली है। यहां दो घंटों के दौरान करीब दो इंच पानी बरस गया। प्रदेश में इस बार अच्छी बारिश हुई है। जबलपुर संभाग का मंडला सबसे ज्यादा बारिश वाले जिलों में अव्वल है। यहां 57.2 इंच पानी गिर चुका है। सिवनी में 54.2 इंच, श्योपुर में 51.9 इंच, भोपाल, निवाड़ी और सागर में 50 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। श्योपुर में सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-10 जिलों में सीधी, राजगढ़, डिंडौरी, रायसेन और छिंदवाड़ा जिले भी शामिल हैं। प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां बारिश का आंकड़ा 50 इंच से अधिक है।