कांग्रेस ने यदि गठबंधन किया तो होगा नुकसान

THE BLAT NEWS:

भोपाल, इस बार कांग्रेस के लिए एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई है। ऐसे में प्रबंधन के महागुरु माने जाने वाले कमलनाथ की रणनीति गड़बड़ा गई है। खास तौर पर जयस और आम आदमी पार्टी के प्रदेश में उभार के कारण कांग्रेस के समक्ष सत्ता विरोधी मतों को एकजुट रखने की बड़ी चुनौैती सामने आई है। कांग्रेस यदि गठबंधन की राजनीति करती है तो उसे प्रदेश में कम से कम 50 सीटें छोडऩी पड़ेगी। ऐसे में उसे बड़ी संख्या में अपनी पार्टी के साथियों का सामना करना पड़ेगा। दूसरी तरफ यदि कांग्रेस अकेले चुनाव लडऩे का निर्णय लेती है तो जयस और आम आदमी पार्टी सत्ता विरोधी मतों का बंटवारा करेंगे, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। आम आदमी पार्टी ने यदि स्थानीय स्तर पर जयस और भीम आर्मी जैसे दलों के साथ गठबंधन किया तो इसका ज्यादातर नुकसान कांग्रेस को होगा। गठबंधन की सूरत में प्रदेश में तीसरा मोर्चा प्रभावी उपस्थिति दर्शा सकता है। Image result for कांग्रेस ने यदि गठबंधन किया तो होगा नुकसान

कांग्रेस के लिए यह कड़वी हकीकत है जहां भी तीसरा मोर्चा अस्तित्व में आता है। वहां उसकी पराजय होती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जयस के साथ गठबंधन कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक था। इस गठबंधन के कारण निमाड़ अंचल में भाजपा का सफाया हो गया था। निमाड़ में भाजपा केवल खंडवा जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकी थी। अन्यथा धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन जिलों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार यदि जयस ने स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ेगा खास तौर पर आदिवासी सीटों पर जयस की की मौजूदगी कांग्रेस के लिए नुकसान करती साबित हो सकती हैं। कांग्रेसी भी मानते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए करो या मरो वाला साबित होने वाला है। खुद दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि यदि इस बार कांग्रेस एकजुट होकर सत्तारूढ़ नहीं हुई तो यह प्रदेश कांग्रेस के साथ्ज्ञ हमेशा के लिए निकल जाएगा।

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