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भोपाल, 19 साल बाद मेष राशि में लगने वाला साल का पहला सूय्र ग्रहण 20 अप्रैल गुरुवार को पड़ेगा। इस बार ये सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा जो तीन रूपों में दिखेगा। इसमें आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण शामिल होंगे। ग्रहण की शुरुआत सुबह सात बजकर चार मिनट से होगी और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस तरह से ग्रहण पांच घंटे 24 मिनट तक रहेगा। भारत में सूर्य ग्रहण का सूतककाल मान्य नहीं होगा। जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों में इसे आसानी से देखा जा सकेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. एचसी जैन के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण तीन तरह का दिखाई देगा जिसमें यह आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार के रूप में हो तो इसे हाईब्रिड सूर्य कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण की घटना के दौरान चंद्रमा सूर्य के छोटे से हिस्से को ढंग पाता है। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों ही एक ही सीध में होते हैं। ऐसे में धरती के एक हिस्से में कुछ देर के लिए पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है।
इसके अलावा कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होता है। इसके अलावा कुंडलाकार सूर्य ग्रेहण होता है जब ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच आ जाता है फिर सूर्य एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देने लगता है। इस तरह के सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव – ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु राजौरिया के अनुसार भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है जिस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य, पूजा और खाना इत्यादि नहीं बनाया जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी जातकों के ऊपर पड़ता है। साल के पहले सूर्य ग्रहण का प्रभाव सिंह, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर पड़ सकता है।