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रतलाम, । रतलाम जिले में उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है । जिला उद्यानिकी विभाग की सतत क्रियाशीलता राज्य शासन की किसान हितेषी योजनाओं तथा जिले के किसानों की मेहनत रंग लाई है। जिले में अब 93 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलें ली जा रही है । जिले के कृषि योग्य क्षेत्र का 26 प्रतिशत हिस्सा अब उद्यानिकी रकबे में तब्दील हो गया है।कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि जिले के किसानों की उद्यानिकी क्षेत्र में सृजनशीलता उनकी मेहनत तथा राज्य शासन की उद्यानिकी योजनाओं तथा योजनाओं के अनुदान से रतलाम जिला उद्यानिकी का हब बनता जा रहा है । प्रतिवर्ष से रतलाम जिले में 10 लाख 25 हजार मैट्रिक टन उद्यानिकी फसलों का उत्पादन हो रहा है। उद्यानिकी में अमरूद की फसल मुख्य रूप से जिले में ली जा रही है। लगभग 800 हेक्टेयर क्षेत्र में वीएनआर एवं रेड डायमंड प्रजाति के अमरूद की फसल उत्पादित की जा रही है। अंगूर भी उद्यानिकी क्षेत्र में जिले की प्रमुख फसल है।
प्रदेश की एकमात्र वायनरी भी रतलाम जिले में संचालित की जा रही है । इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, अंजीर की खेती में भी जिले के किसान आगे आए हैं।सहायक संचालक उद्यानिकी श्री त्रिलोकचंद वास्कले ने बताया कि जिले के 12 हजार 335 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरा, अमरूद, नींबू, एप्पल बेर, अंगूर, अनार, ड्रैगन, फ्रूट स्ट्रॉबेरी आदि फलों का उत्पादन किया जा रहा है । उद्यानिकी विभाग की योजना के तहत वर्ष 2022-23 में घटक फल क्षेत्र विस्तार में जिले के 3 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट एवं 5 हेक्टेयर क्षेत्र में अंगूर का पौध रोपण कराया गया है । इसमें अनुदान रूप में 7 लाख 68 हजार रुपए अनुदान भुगतान किया गया है । इसी प्रकार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के घटक फल क्षेत्र विस्तार में वर्ष 2022-23 में फसल काट के 30 हेक्टेयर में रोपण करवाकर बगीचे लगाए गए हैं । इसमें 12 लाख 8 हजार रुपए अनुदान किसानों को उपलब्ध कराए गए।
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