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मसूरी /भोपाल। कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल बुधवार को उत्तराखण्ड के मसूरी में शुरू हुई शुरू कॉउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चरल मॉर्केटिंग बोड्र्स (सीओएसएएमबी) के राष्ट्रीय सेमिनार में शामिल हुए । सेमिनार मिलेट्स-पोटेंशियल एण्ड अपार्चुनिटीÓÓ विषय पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि मिलेट अनाज की उत्पत्ति सबसे पहले हमारे भारत देश से ही हुई। जो हमारे देश की संस्कृति के साथ हम इसे प्राचीन उपज कह सकते हैं। इसी प्राचीन उपज को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री अन्न का नाम दिया है।श्री अन्न की जननी भारत है ।जो अब पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही है।
षि मंत्री पटेल ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। ऋषि– मुनियों और भगवान बलराम के समय से हमारे यहा खेती हो रही है। लेकिन बीच के कालखंड में खेती घाटे का धंधा रही और किसान कर्जे में रहा ।लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं ।उन्होंने देश के किसानों की चिंता की है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने देश की रीढ़ मानी जानी वाली खेती – किसानी को मजबूत करने का काम किया है।प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल के बाद मिलेट की संभावनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष बनाने का मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसे स्वीकार किया गया और आज पूरी दुनिया 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में मना रही है। यह हमारी उपलब्धि है कि सारी दुनिया को स्वस्थ रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सारी दुनिया का ध्यान मिलेट अनाज की तरफ मोड़ा है।
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