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भोपाल । मां शारदा की धरती मैहर में भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक जप 2023 माई की रसोई में संपन्न होगी। भारत तिब्बत समन्वय संघ की बैठक 7-8 अप्रैल 2023 को आयोजित की गयी है। जिसमें संगठन के राष्ट्रीय स्तर के 30 पदाधिकारी सम्मिलित होंगे। भारत तिब्बत समन्वय संघ कैलाश मानसरोवर मुक्ति तिब्बत की आजादी और चाइनीज वस्तुओं के बहिष्कार में भारत की समृद्धि का अभियान पूरे विश्व स्तर पर चला रहा है। उक्त आशय की जानकारी भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री राजो मालवीय ने दी।
सुश्री मालवीय ने बताया कि कैलाश मानसरोवर संपूर्ण विश्व के सनातनियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भगवान भोलेनाथ का मूल स्थान है। जो तिब्बत में स्थित है। किंतु दुर्भाग्य से तिब्बत पर चीन का कब्जा है। आज कोई भी शिव भक्त कैलाश मानसरोवर दर्शन करने जाना चाहे तो उसे वीजा पासपोर्ट के साथ चाइना का अपमानजनक व्यवहार भी झेलना पडता है। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के बिना भारत की सांस्कृतिक आजादी अधूरी है। वहीं दूसरी ओर तिब्बत चीन और भारत के बीच का बफर स्टेट है। तिब्बत हमारा सुरक्षा कवच भी है। 1959 के पहले तिब्बत हमारे छोटे भाई की भूमिका में था। हमारे सांस्कृतिक व्यापारिक और आध्यमिक सभी तरह के संबंध थे। आज का चाइना का कब्जा होने से प्रतिदिन भारत के लिए नए नए तनाव भारत के लिए चाइना द्वारा उत्पन्न किए जाते है। तिब्बती भाई बहनों के साथ भी मानव अधिकारों का क्षरण हो रहा है।
सुश्री राजो मालवीय ने कहा कि हम देशवासियों का आव्हान करते है कि इन दोनों ही बातों का समाधान चाइनीज वस्तुओं के आर्थिक बहिष्कार में है। जिस चाइना ने कोरोना जैसी बीमारी देकर पूरी दुनिया को तहस नहस करने का संकल्प किया था, जिसमें हमने लाखों व्यक्ति खोऐ है। उसे हम कैसे भूल सकते है। चाइनीज वस्तुओं का आर्थिक बहिष्कार ही हमें समस्याओं से निजात दिलायेगा। 7-8 अप्रैल की मां शारदा की धरती पर आयोजित बैठक में भारत तिब्बत समन्वय संघ के देश भर के मनीषी दो दिन तक विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे।
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