THE BLAT NEWS:
रायपुर,। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो में क्रय किए जा रहे गोबर से महिला समूहों द्वारा अब तक कुल 28 लाख 98 हजार 303 क्विंटल कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया है, जिसमें 23 लाख 24 हजार 864 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 54 हजार 515 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद शामिल है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमश: 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है।गौठानों में उत्पादित कम्पोस्ट में से 18.22 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 3.91 लाख क्विंटल सुपर कम्पोस्टर तथा 3192 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है। जिसकी कीमत 206 करोड़ 57 लाख रूपए है। राज्य के 6158 गौठानों में फिलहाल 5.02 लाख वर्मी कम्पोस्ट तैयार है, जिसके विक्रय के लिए पैकेजिंग की जा रही है।
गौठानों में गोबर से जैविक खाद, जैविक कीटनाशक उत्पादन के अलावा महिला समूह गो-काष्ठ, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 113 करोड़ 11 लाख रूपए की आय हो चुकी है। राज्य में गौठानों से 13,063 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 1,50,036 है। गौठानों में गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन हो रहा है।