स्थापना दिवस पर 11 निर्धन कन्याओं की धूमधाम से कराई गई शादी

THE BLAT NEWS;

 उमामहेश्वर गुप्तकाशी शिवद्वार धाम मंदिर परिसर में  नौ दिवसीय विराट रूद्र महायज्ञ  का नौवें दिन शनिवार को हवन पूजन के साथ ही समापन हो गया। वहीं सोनभद्र के स्थापना दिवस पर 11 निर्धन कन्याओं की शादी धूमधाम से संपन्न कराई गई।  समूचा यज्ञ पंडाल वेद मंत्रों व हर हर महादेव के जयकारों से अभिगुंजित रहा। पहली बार कन्यादान महिलाओं के जरिए किया गया। मौके पर मौजूद लोगों ने वर वधुओं को उपहार देकर आशीर्वाद दिया। अंत में बाजे गाजे के साथ तालाब में कलश का विसर्जन किया गया।  वहीं श्रद्धालुओ ने चल रहे विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। बता दें कि 4 मार्च 1989 को मीरजापुर से पृथक हो कर सोनभद्र जनपद के नाम से सर्जना हुई, जिसका 35वां स्थापना दिवस शिवशक्ति के द्वार आर्यावर्त के प्रवेशद्वार शिवद्वार में विहंगम आभा से मण्डित  समारोहों के समुच्चय स्वरूप में देखने को मिला। नौ दिवसीय विराट रुद्रमहायज्ञ के साथ ही प्रतिदिन हवन व भण्डारा होता रहा। इस श्रृंखला का अंतिम सोपान समापन पर्व 4 मार्च को गरीब कन्याओं का वैवाहिक समारोह, आवश्यक समस्त सामग्री के साथ संपन्न हुआ। महायज्ञ की पूर्णाहुति व विवाह के संदर्भगत परिप्रेक्ष्य में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें भरी सख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। 3 मार्च को मंडलायुक्त डॉ० मुथुकुमार स्वामी ने प्रशासनिक अमले के साथ शिवाशिव की संपृक्त प्रतिमा के दर्शन किये।
कार्यक्रम के आयोजक भिक्षुक भिखारी जंगली दास दीनबंधु रमाशंकर गिरी जी महाराज भिक्षु भोले सेवा ट्रस्ट यज्ञकार्य मे सन्नद्ध हैं तो सोन विन्ध्य गंगा सेवा संस्कृति संस्थान के संस्थापक-संचालक डॉ० परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव “पुष्कर” पूरी टीम के साथ समर्पित रहे। शिवद्वार की मन्दिर सेवा समिति के पुजारी सुरेश गिरि जत्थे के साथ समुपस्थित रहे। ओबरा की यज्ञ सेवा समिति की कर्मठता भी अनूठी रही तो नौ दिवसीय चल रहे विराट रुद्रमहायज्ञ की समिति ने कहीं से भी कोई कोताही नहीं बरती जिसकी अध्यक्षता पंडित रामनिवास शुक्ल के गुरुतर दायित्व सँग समाहित रहा।यज्ञीय आयोजन में जनप्रतिनिधियों , प्रशासकों, श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। उमा महेश्वर गुप्तकाशी शिवद्वार धाम  में हरिद्वार धाम से आये राघवेन्द्राचार्य की रामकथा मंदिर परिसर में सतत गतिमान रही तो नौ दिवसीय विराट रूद्र महायज्ञ  आचार्य राधाकृष्ण तिवारी, आचार्य राजेश त्रिपाठी, आचार्य व्यास रामजी शास्त्री, कौशल त्रिपाठी, रेवती तिवारी समेत आठ आचार्यो द्वारा संपन्न कराया गया। यज्ञ नारायण भगवान के मुख्य यजमान अजय कुमार मौर्य, रामपति साहू , राजनारायण पाल, रेवती तिवारी, सुरेश गिरी, उदय प्रताप सिंह, श्रीकांत दुबे, डॉ० परमेश्वर दयाल पुष्कर, राजेश कुमार पाठक, विवेक मालवीय, दीनदयाल केशरी,दीपक कुमार,विश्वनाथ विश्वकर्मा, परमानंद महाराज,शनि शंकर,दिन सेठ,संजय मोदनवाल,पप्पू पटेल, अजय गिरी, शालिग्राम साहू, हरीश अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, मनोज केशरी, बुधिनारायण पाल, जवाहिर दुबे,लवकुश अग्रहरी, रामखेलावन समेत भक्तप्राण धर्मानुरागी रूद्र महायज्ञ, रामकथा व आरती पूजन में शामिल रहे। भक्तगणों ने भिखारी बाबा की कुटिया में पहुंचकर आशीर्वाद भी लिया। भंडारे में प्रसाद भी ग्रहण किया। उसके बाद बजे गाजे के साथ तालाब में कलश विसर्जन किया गया।

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