इंदौर: नये-नये प्रयोग के बाद भी स्वच्छ शहर की नहीं सुधर पा रही यातायात व्यवस्था

THE BLAT NEWS:  

 इंदौर शहर का नाम देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुका है। देश ही नहीं विदेशों से भी आए लोगों ने इंदौर की स्वच्छता की प्रशंसा करते हुए इस शहर की तुलना यूरोपीय शहरों से पिछले दिनों प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान की है। हालांकि इस छवि को इंदौर का बदहाल यातायात खराब कर रहा है। इसे बदलने के लिए लगातार शहर में नए-नए प्रयोग और प्रयास किया जा रहे हैं।  

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 बावजूद सड़क और फुटपाथ से वाहनों के पार्किंग की कतारें खत्म नहीं हो रही हैं। सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग यातायात जाम का प्रमुख कारण है। नगर निगम ने पिछले 20 सालों में शहर के मध्य एवं पूर्वी क्षेत्र में आठ मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण इसी उद्देश्य किया था कि सड़कों से वाहनों की पार्किंग खत्म होगी। उक्त सभी मल्टी लेवल पार्किंग खत्म होगी। उक्त सभी मल्टी लेवल पार्किंग में क्षमता से केवल 20 प्रतिशत वाहन ही पार्क हो रहे हैं जबकि क्षमता 15 हजार वाहनों की है। इस बीच नंदलालपुरा क्षेत्र में एक और पार्किंग स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा हाल ही में बनाई गई है जिसमें 450 वाहन रखने की क्षमता है। इसके पूर्व में संजय सेतु के समीप स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा ही मैकेनाइज्ड पार्किंग बनाई गई थी जिसे वर्तमान में फ्री चलाया जा रहा है या फिर भी यहां वाहन पार्क नहीं होते हैं। इंदौर शहर में लगभग 21 लाख से अधिक दो और चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। यह आंकड़ा इंदौर नगरी सीमा की आबादी का 75 प्रतिशत है। मामले में ट्रैफिक एक्सपर्ट प्रफुल्ल जोशी ने बताया कि इंदौर शहर में जब तक सुलभ लोके परिवहन उपलब्ध नहीं होगा वाहनों की संख्या इसी तरह बढ़ती रहेगी। फिलहाल इंदौर शहर के लोगों की मानसिकता पार्किंग स्थल पर वाहन पार्क करने की बिल्कुल भी नहीं है। इसे बदलने की जरूरत है। तभी करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई मल्टीलेवल पार्किंग का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। इंदौर यातायात पुलिस के एडिशनल डीएसपी अनिल पाटीदार ने बताया कि अक्सर जाम की स्थिति सड़क किनारे खड़े वाहनों के कारण बनती है। शहर में 80 प्रतिशत सड़कों के फुटपाथ पर दो और चार पहिया वाहनों की पार्किंग होती है। यही जाम लगने का सबसे बड़ा कारण है। लगातार ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुर्माना एवं समझाइश देकर वाहनों की उचित स्थान पर पीक करने की सलाह वाहन चाहकों को दी जाती है। नगर निगम द्वारा शहर की खुली पार्किंग नि:शुल्क है लेकिन कई स्थानों पर जबरिया वसूली जारी है। वर्तमान में बिजासन माता मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों से दो पहिया वाहन के लिए दस और चार पहिया वाहन के 40 रुपए पार्किंग शुल्क के नाम पर वसूला जा रहा है। इस तरह पितृ पर्वत पर भी दर्शनार्थियों से अवैध पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है।

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