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हरिद्वार निर्मल अखाड़े के संतों ने मुख्यमंत्री से की संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने कोठारी महंत जसविंदर सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की।
इस दौरान संतों ने अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी की। कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने संस्कृत भाषा को द्वितीय राज भाषा का दर्जा दिया है। संस्कृत के प्रति छात्रों का रूझान बढ़ाने के लिए व्यवस्थाओं का दुरूस्त किया जाना जरूरी है। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। शिक्षकों की कमी के चलते संस्कृत अध्ययन करने वाले छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि सरकार के स्तर से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी तो इससे संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही छात्रों में भी संस्कृत भाषा के प्रति रूझान बढ़ेगा। संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए शासन प्रशासन और धार्मिक संस्थाओं को गंभीर होने की जरूरत है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में महंत अमनदीप सिंह, संत जरनैल सिंह, महंत संतोष मुनि, डा.स्वामी केशवानन्द आदि संत शामिल रहे।