द ब्लाट न्यूज़ । आंध्र प्रदेश विधानसभा से विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायकों को शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन निलंबित कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने टीडीपी के 13 विधायकों को विरोध प्रदर्शन कर सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया।
वित्त और विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ रेड्डी द्वारा एक प्रस्ताव पेश करने के बाद अध्यक्ष ने निलंबन की घोषणा की।
तेदेपा सदस्य मूल्य वृद्धि और करों पर बहस करने को लेकर जोर दे रहे थे। सदन में अध्यक्ष द्वारा उनके स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने के बाद टीडीपी विधायक ने विरोध करना शुरु कर दिया और नारेबाजी करने लगे।
विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि चूंकि महंगाई और करों ने आम आदमी पर बोझ डाला है, इसलिए एजेंडे में अन्य मदों को स्थगित करके इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए।
अध्यक्ष ने टीडीपी सदस्यों के अनियंत्रित व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई और उन्हें सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने के लिए कहा। लेकिन टीडीपी सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद सरकार ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया।
निलंबन के बाद अध्यक्ष ने टीडीपी सदस्यों को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। जब वह नहीं गए तो निलंबित सदस्यों को बाहर भेजने के लिए मार्शलों को बुलाया गया।
विपक्षी विधायकों ने मार्शलों को बुलाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि उनके पास ऐसा करने का अधिकार है।
सभी 13 निलंबित विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया।
टीडीपी सदस्यों को गुरुवार को उस समय निलंबित कर दिया गया, उन्होंने अध्यक्ष से पी. केशव को अमरावती भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों का जवाब देने का अवसर देने की मांग की।