अब देश में ‘सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद’ की जरूरत: प्रधानमंत्री

 

द ब्लाट न्यूज़ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि अब देश में ऐसे ‘सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद’ की जरूरत है जहां राज्य एक दूसरे के साथ विकास को लेकर प्रतिस्पर्धा करें।

उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से यह भी कहा कि राज्य अगर कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो सपनों को साकार किया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री ने संघवाद का हवाला देते हुए कहा, ‘‘कार्यक्रम भिन्न हो सकते हैं, कार्यशैली भिन्न हो सकती है, लेकिन देश के सपने अलग नहीं हो सकते।’’

उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उस वक्त केंद्र में दूसरे विचार वाले दल की सरकार थी तो भी इसी मंत्र के साथ वह आगे बढ़े कि ‘गुजरात का विकास देश के विकास के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहर, ‘‘आज की यह जरूरत है कि सहकारी संघवाद के साथ ही सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद हो। हमें विकास में प्रतिस्पर्धा की जरूरत है।’’

मोदी ने कहा कि विकास की नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए राज्यों और सरकार की विभिन्न इकाइयों के बीच प्रतिस्पर्धा की जरूरत है।

उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि जनता हो या पुलिस, सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए।

प्रधानमंत्री के अनुसार, तय अवधि से पहले उम्मीद के अनुसार परिणाम तभी आ सकते हैं जब हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाए।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को 24 घंटे बिजली दे। लेकिन यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि बिजली की ज्यादा से ज्यादा यूनिट की बचत करें।’’

मोदी ने कहा कि हर खेत तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है कि लेकिन लोगों का प्रयास ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (प्रति बूंद, अधिक उपज) का होना चाहिए।

 

 

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