द ब्लाट न्यूज़ । केंद्र देहरादून के चारों तरफ रिंग रोड बनाने पर आने वाली सारी लागत स्वयं वहन करने को तैयार हो गया है बशर्ते उत्तराखंड सरकार परियोजना के तहत विकसित होने वाले लाजिस्टिक पार्क, फल एवं सब्जी पार्क तथा आढ़त बाजार के लिए हाइवे से लगती 1100 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह आश्वासन दिया।
देहरादून के चारों ओर रिंग रोड बनने से शहर को अत्यधिक यातायात एवं भीड़ के दवाब से मुक्ति मिल सकेगी।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने धामी को देहरादून रिंग रोड के निर्माण का व्यवहारपरकता सर्वेक्षण करने को भी कहा।
मुलाकात के दौरान, गडकरी ने उत्तराखंड की जीवन रेखा कही जाने वाली ऑल वेदर रोड सड़क परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि लगभग 12 हजार करोड रूपये की लागत की 889 किमी. लम्बी सड़क परियोजना में मंत्रालय द्वारा 53 कार्यों में से अब तक 41 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं। इनमें से 19 कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि 22 अन्य पर काम चल रहा है।
गडकरी ने धामी के अनुरोध पर कुमाऊँ और गढ़वाल के मध्य दूरी एवं समय कम करने के लिए 42.50 किमी लंबी नजीबाबाद- अफजलगढ़ बाई पास की स्वीकृति भी प्रदान कर दी। बाई पास बनने से कुमाऊँ और गढवाल के बीच की दूरी 20 किमी कम हो जायेगी तथा आवागमन में 45 मिनट की बचत होगी।
इसके अलावा, मझौला से खटीमा चार लेन सड़क मार्ग की भी स्वीकृति प्रदान की गयी। उक्त मार्ग के निर्माण से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत एवं बरेली हेतु भारी वाहनों एवं आम जनमानस का आवागमन सुलभ एवं आरामदायक होगा।
केंद्रीय मंत्री ने इसके अतिरिक्त सितारगंज-टनकपुर मोटर मार्ग को भी चार लेन में परिवर्तित करने की स्वीकृति दे दी। इस मार्ग के बनने से चम्पावत एवं पिथौरागढ आवागमन सुगम हो जाएगा तथा समय की भी बचत होगी।
बैठक में अगले साल अप्रैल में देहरादून में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किये जाने पर भी सहमति प्रदान की गयी। उक्त सेमिनार में पर्वतीय क्षेत्रों के लिये उच्च गुणवत्तायुक्त सुरंग मार्गों का निर्माण किये जाने पर विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श होगा। इस सेमिनार में देश एवं विदेश के लगभग एक हजार प्रतिभागी भाग लेंगे।