द ब्लाट न्यूज़ । बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई उपनगरीय जिलाधिकारी को यह बताने का शुक्रवार को निर्देश दिया कि शहर के हवाई अड्डे के पास निर्धारित सीमा से अधिक ऊंचे भवनों के विरूद्ध कार्रवाई कैसे की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की एक खंडपीठ ने इसकी जिम्मेदारी बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) को देने की कोशिश को लेकर भी जिलाधिकारी की खिंचाई की और कहा कि कलेक्टर को इस ‘‘खतरे’’ (हवाई अड्डे के पास की बाधाओं) के बारे में कुछ करना होगा।
अदालत ने अधिकारियों को उन इमारतों की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने का भी सुझाव दिया, जिन्हें ऊंचाई संबंधी उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है।
उच्च न्यायालय, अधिवक्ता यशवंत शेनॉय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मुंबई हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारतों से उत्पन्न खतरों पर चिंता जताई गई है।
‘मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड’ (एमआईएएल) द्वारा यह सूचित किया गया कि समय-समय पर सर्वेक्षण किए जाते हैं और 2010 में खतरा उत्पन्न करने वाली कुल 137 इमारतों/संरचनाओं की पहचान की गई थी।