विधायकों व सांसदों के मामलों में संसद कर सकता है फैसला कोर्ट नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को विधायकों व सांसदों के अयोग्यता पर कार्रवाई करने के लिए अध्यक्षों को अधिकार संबंधित मामले पर सुनवाई की। इस मामले में दो सप्ताह पहले ही अध्यक्षों ने याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा कि सांसदों या विधायकों के अयोग्यता के मुद्दों पर फैसला करने के लिए समय-सीमा तय करना संसद का काम है। यह कोर्ट नहीं कर सकता। ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) सदस्य रणजीत मुखर्जी ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना, एएस बोपन्ना और ऋषिकेश राय ने की। बेंच का कहना है कि याचिकाओं में की गई मांग संसद के अधिकारक्षेत्र में है, इसलिए कोर्ट मामले में दखल नहीं दे सकता है। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘हम कैसे विधायिका का गठन कर सकते हैं? ये मामले संसद के अंतर्गत आते हैं।’ कोर्ट ने कर्नाटक विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के मामले का जिक्र किया। इससे पहले याचिकाकर्ता रणजीत मुखर्जी के वकील ने तर्क दिया था कि अयोग्यता याचिकाओं पर स्पीकर सालों से बैठे रहते हैं। लिहाजा, इस पर समयबद्ध निर्णय होना चाहिए।

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